India News (इंडिया न्यूज), India US Trade Deal : ट्रंप प्रशासन द्वारा 2 अप्रैल को सभी देशों से आयात पर लगाए गए 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ का भविष्य अब भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की प्रारंभिक रूपरेखा तय करने के लिए हो रही बातचीत का केंद्र बिंदु बन गया है। मामले से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार, नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच चल रही बातचीत में यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया जा रहा है।
खबरों के मुताबिक भारतीय वार्ताकारों ने अमेरिकी पक्ष से मांग की है कि न केवल 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ हटाया जाए, बल्कि प्रस्तावित 16 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी 9 जुलाई से लागू न किया जाए। भारत का रुख स्पष्ट है कि यदि अमेरिका इन शुल्कों को नहीं हटाता है तो उसके पास अमेरिकी वस्तुओं पर जवाबी टैरिफ जारी रखने का भी अधिकार होगा।
India US Trade Deal : अमेरिका के टैरिफ पर भारत का बड़ा हल्ला बोल, ट्रंप प्रशासन को दिया अल्टीमेटम
4 जून को अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पहुंचा। इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच यह पांचवीं बार आमना-सामना हुआ है। यह दल अब 10 जून तक दिल्ली में रहेगा, जबकि पहले कहा जा रहा था कि यह केवल दो दिन का दौरा होगा।
रिपोर्ट के अनुसार आदर्श स्थिति यह होगी कि अंतरिम समझौता होते ही भारतीय वस्तुओं पर लागू 10% बेसलाइन टैरिफ और 9 जुलाई से लागू 16% शुल्क को एक साथ समाप्त कर दिया जाए। अन्यथा भारत को अमेरिकी वस्तुओं पर कुल 26% टैरिफ जारी रखने का भी अधिकार होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच 13 फरवरी को वाशिंगटन में हुई बैठक और संयुक्त बयान में पारस्परिक रूप से लाभकारी और निष्पक्ष व्यापार शर्तों की आवश्यकता पर जोर दिया गया। इसी क्रम में मिशन 500 के तहत वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
ब्रिटेन के अनुभव का हवाला देते हुए भारत ने स्पष्ट किया कि वह ऐसा मॉडल नहीं अपनाएगा जिसमें टैरिफ बरकरार रहे। ब्रिटेन को अमेरिका से ‘आर्थिक समृद्धि डील’ (ईपीडी) में कुछ रियायतें जरूर मिलीं, लेकिन 10% बेसलाइन टैरिफ अभी भी लागू है।