Hindi News / International / On June 4 The Balochistan Assembly Passed The Counter Terrorism Balochistan Amendment Act 2025

PAK सरकार की नई साजिश, लोगों की आवाज दबाने के लिए बनाया दमनकारी कानून, बलूचिस्तानियों का होगा अब बुरा हाल

Pakistan New Law For Balochistan : पाकिस्तान अपने ही लोगों की आवाज दबाने के लिए नीतियां बना रहा है। वहां की सरकार खासकर बलूचियों के साथ अन्याय कर रही है।

BY: Shubham Srivastava • UPDATED :
Advertisement · Scroll to continue
Advertisement · Scroll to continue

India News (इंडिया न्यूज), Pakistan New Law For Balochistan : पाकिस्तान अपने ही लोगों की आवाज दबाने के लिए नीतियां बना रहा है। वहां की सरकार खासकर बलूचियों के साथ अन्याय कर रही है।

अब इसी कड़ी में 4 जून को बलूचिस्तान विधानसभा ने आतंकवाद निरोध के नाम पर (बलूचिस्तान संशोधन) अधिनियम 2025 पारित किया, ताकि अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे बलूचियों की आवाज को दबाया जा सके। यह कानून वहां कार्यरत सुरक्षा बलों को अत्यधिक अधिकार देता है।

चीन ने दुनिया के सामने उतारा अपना बाहुबली, अमेरिका से लेकर यूरोप तक मच गया हड़कंप, तस्वीरें देख उड़ गए Trump के तोते

Pakistan New Law For Balochistan : पाकिस्तान में बलूचिस्तान के लिए नया कानून

मानवाधिकार संगठनों, कानूनी विशेषज्ञों और नागरिक समाज ने इस कानून पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और चेतावनी दी है कि यह कानून दमन और अशांति को और बढ़ा सकता है।

नए कानून के आने से होगा बलूचों का शोषण

नए कानून के तहत, पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और अन्य खुफिया एजेंसियों को किसी भी व्यक्ति को बिना किसी आरोप के और बिना अदालत में पेश किए केवल संदेह के आधार पर 90 दिनों तक हिरासत में रखने की अनुमति है। इस प्रक्रिया में न्यायिक निगरानी की कोई आवश्यकता नहीं होगी।

नया कानून संयुक्त जांच दल (जेआईटी) को न्यायिक मंजूरी के बिना हिरासत आदेश जारी करने, वैचारिक प्रोफाइलिंग करने और तलाशी और जब्ती अभियान चलाने की भी अनुमति देता है। जेआईटी में पुलिस और खुफिया एजेंसियों के अधिकारी शामिल होंगे। पहली बार, सैन्य अधिकारियों को भी नागरिक निगरानी पैनल में आधिकारिक भूमिका दी गई है।

नए कानून की आलोचना शुरू

शाहबाज सरकार द्वारा लाए गए इस विधेयक की आलोचना शुरू हो गई है। बलूच यकजहती समिति (बीवाईसी) ने इस कानून की कड़ी आलोचना करते हुए इसे “नागरिक जीवन का सैन्यीकरण” बताया है। इसने कहा, “यह कानून व्यक्तिगत स्वतंत्रता, उचित प्रक्रिया और मनमानी गिरफ्तारी से सुरक्षा जैसे मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है।” बीवाईसी ने इस कानून की तुलना नाजी यातना शिविरों और चीन में उइगर मुसलमानों की हिरासत से की है।

वहीं, मानवाधिकार संगठनों ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी), एमनेस्टी इंटरनेशनल, ह्यूमन राइट्स वॉच और कई स्थानीय संगठनों ने इस कानून को संवैधानिक अधिकारों और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है।

वहीं, पाक सरकार ने इस कानून का बचाव करते हुए कहा है कि आतंकवाद विरोधी अभियानों को मजबूत करना जरूरी है। उनके मुताबिक, यह केवल उन लोगों पर लागू होगा जो राज्य विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं, कानून का पालन करने वाले नागरिकों को डरने की जरूरत नहीं है।

PAK और तुर्की ने चली नई चाल, भारत के दोस्त को दिखा रहा आंख…’पीएम शहबाज की तरह एर्दोगन को भी मिलेगा मुंहतोड़ जवाब

‘हम समिट में PM मोदी की राजनीति खत्म कर देंगे…’, G7 से पहले खालिस्तानी आतंकियों की खुली धमकी, दुनियाभर में मचा हड़कंप

Tags:

balochistanPakistan New Law
Advertisement · Scroll to continue

लेटेस्ट खबरें

Advertisement · Scroll to continue