India News(इंडिया न्यूज), Smartphone Reboot: आज हर किसी के पास स्मार्टफोन है। यह हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गया है। अगर ये इतना जरूरी है तो हमें इसके हर फीचर के बारे में जान लेना चाहिए। किसी भी  स्मार्टफोन में जितने भी सिस्टम दिए होते हैं उसका कोई ना कोई इस्तेमाल जरुरत होता है। उन्ही फीचर्स में से है Reboot और Restart। कई लोगों को लगता है कि दोनों एक समान है। लेकिन ऐसा नहीं है। जानते हैं दोनों में क्या अंतर है।

Reboot क्या है?

बूट का काम होता है किसी भी डिवाइस के हार्डवेयर को एक नॉन फंक्शन स्टेट्स से एक ओपरेशनल स्टेट्स में बदलना। कई बार जब हमारा फोन बहुत स्लो चलने लगता है तो हम रिबूट करते हैं। जान लें कि इसे फोन को चालू करने के लिए ही दिया जाता है।  एक फोन को कई कारणों से रीबूट हम कर सकते हैं जैसे कि- हैंग होना या किसी ऐप का रिस्पांस न करना आदी।

रीस्टार्ट क्या होता है

रीस्टार्ट का अर्थ ही है दोबारा शुरू करना। अगर टेक की बात करें तो जब हम अपने फोन को बंद कर दोबारा स्टार्ट करते हैं तो उसे Restart करना कहते हैं। कई बार हम देखते हैं कि स्मार्टफोन पर फर्मवेयर या सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने पर अक्सर फोन रीस्टार्ट करने के लिए कहता है।

Reboot और रीस्टार्ट में अंतर

  1. रीस्टार्ट में समय लगता है। रीबूट तेजी से हो जाता है।
  2. जब हम फोन को बंद कर देते है, तब सिस्टम और हार्डवेयर भी पूरी तरह से बंद हो जाते हैं। फिर जब हम फोन को रीस्टार्ट करते हैं, तो  उसके सभी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर फिर से टेस्ट किए जाते हैं और यह डेटा को भी फिर से लोड करता है। सीपीयू पूरी गति से काम करता है और ज्यादा बिजली की खपत करेगा। इसमें समय लग जाता है।
  3. रीबूट करने से केवल फोन के सॉफ़्टवेयर शुरू होते हैं। यह अपने आप में  ही ऑटोमैटिकली कुछ स्टेप्स को छोड़ देता है। सीधे ऑपरेटिंग सिस्टम इंटरफ़ेस में एंटर हो जाता, यही कारण है कि यह बिजली की बचत करता है।

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