India News (इंडिया न्यूज़) Bihar News: वैशाली जिले के शहरी विकास कोऑपरेटिव बैंक में 100 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए बैंक के सीईओ विपिन तिवारी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। ED ने वाराणसी, गाजीपुर, दिल्ली और कोलकाता में छापेमारी के दौरान इन गिरफ्तारियों को अंजाम दिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में बैंक के सीईओ विपिन तिवारी, उनके ससुर रामबाबू शांडिल्य, नितिन मेहरा, संदीप सिंह और पंकज तिवारी शामिल हैं। जांच एजेंसी ने नितिन, रामबाबू और पंकज को शनिवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वहीं, विपिन तिवारी और संदीप सिंह से पूछताछ जारी है।
पूर्व मंत्री आलोक मेहता के भतीजे पर जांच
इस मामले की जांच के दायरे में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और राजद विधायक आलोक मेहता का परिवार भी आ चुका है। ED ने पूर्व मंत्री के भतीजे और बैंक के अध्यक्ष संजीव कुमार को गिरफ्तार करने की तैयारी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि संजीव कुमार इस घोटाले का मास्टरमाइंड है।
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19 ठिकानों पर छापेमारी
शुक्रवार को ED ने पटना, हाजीपुर, वाराणसी, दिल्ली और कोलकाता समेत 19 स्थानों पर छापेमारी की थी। हाजीपुर स्थित बैंक में 8 घंटे तक चली छानबीन के बाद ED ने कई अहम दस्तावेज अपने कब्जे में लिए। पटना और अन्य ठिकानों से दो दर्जन जमीन के दस्तावेज, एक दर्जन बैंक पासबुक, कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस के कागजात भी बरामद हुए हैं।
पूर्वांचल बैंक में 30 करोड़ का घोटाला भी जुड़ा
गिरफ्तार रामबाबू शांडिल्य पहले से ही पूर्वांचल सहकारी बैंक में 30 करोड़ रुपये के घोटाले में आरोपी हैं। माना जा रहा है कि यह पूरा घोटाला एक संगठित रैकेट का हिस्सा है, जिसमें राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण भी शामिल हो सकता है। पूर्व मंत्री आलोक मेहता और उनके परिवार के खिलाफ ED ने सबूत जुटाने शुरू कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही पूर्व मंत्री को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा जाएगा इस मामले में कई और बड़े नामों का खुलासा होने की संभावना है।
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