India News (इंडिया न्यूज़), Bihar News: केंद्रीय जांच एजेंसी NIA ने फुलवारीशरीफ PFI मामले में एक बड़ी सफलता हासिल की है। शनिवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर मोहम्मद सज्जाद आलम को गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी तब हुई, जब वह दुबई से भारत लौटा बिहार के पूर्वी चंपारण का रहने वाला सज्जाद आलम प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का एक सक्रिय सदस्य बताया जा रहा है।

दुबई से फंडिंग का खुलासा

NIA की जांच में यह सामने आया है कि सज्जाद आलम दुबई से अवैध रूप से फंडिंग कर बिहार और अन्य राज्यों में PFI की गतिविधियों को आर्थिक मदद पहुंचा रहा था। यह फंडिंग एक अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट के माध्यम से होती थी, जिसमें यूएई, कर्नाटक और केरल में सक्रिय नेटवर्क शामिल था। इन फंड्स का इस्तेमाल भारत में PFI की आपराधिक और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा था।

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कैसे हुआ मामला उजागर?

फुलवारीशरीफ में जुलाई 2022 में हुई एक पुलिस कार्रवाई के दौरान PFI के सदस्यों पर देश में आतंक फैलाने और सांप्रदायिक नफरत भड़काने की साजिश का आरोप लगा था। इसके बाद मामला NIA को सौंपा गया। जांच में “इंडिया 2047: टुवर्ड्स रूल ऑफ इस्लाम इन इंडिया” नामक दस्तावेज सामने आया, जिसमें भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने की योजना का जिक्र था।

लुकआउट नोटिस के बाद गिरफ्तारी

NIA ने इस मामले में अब तक 17 आरोपियों को गिरफ्तार कर चार्जशीट दाखिल की थी। मोहम्मद सज्जाद आलम की गिरफ्तारी के बाद अब कुल गिरफ्तारियों की संख्या 18 हो चुकी है। पटना की NIA की विशेष अदालत ने सज्जाद आलम के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, और उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था। एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने जैसे ही उसकी मौजूदगी दर्ज की, NIA ने तुरंत उसे अपनी हिरासत में ले लिया।

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PFI और उसकी राष्ट्रविरोधी गतिविधियां

PFI पर पहले भी आरोप लगते रहे हैं कि वह भारत में आतंकवादी गतिविधियों और सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए काम कर रहा है। NIA के अनुसार, यह संगठन विभिन्न स्रोतों से फंड जुटाकर अपने लक्ष्यों को पूरा करने की कोशिश करता है। सज्जाद आलम से पूछताछ के बाद NIA इस सिंडिकेट के अन्य सदस्यों और फंडिंग नेटवर्क के खिलाफ अपनी जांच को और गहराई से करेगी। इस गिरफ्तारी को संगठन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।