India News (इंडिया न्यूज),Bihar Assembly Elections 2025: बिहार में इस बात को लेकर खूब चर्चा थी कि क्या चिराग पासवान बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या सिर्फ सोशल मीडिया पर ही फायरब्रांड बनकर रह जाएंगे? लेकिन जब चिराग पासवान भोजपुर की जनता के सामने मंच पर आए तो उन्होंने मुस्कुराते हुए इन अटकलों पर खुद ही चर्चा शुरू कर दी और कहा, आपका सवाल है कि क्या चिराग पासवान विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, फिर मुस्कुराते हुए कहा, “मैं बिहार के लिए चुनाव लड़ूंगा और 243 सीटों पर चुनाव लड़ूंगा” लेकिन उन्होंने यह फैसला जनता पर छोड़ दिया है कि वह किस सीट से चुनाव लड़ेंगे।
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बिहार के लिए लड़ूंगा- चिराग पासवान
चिराग पासवान ने कहा कि मैं बिहार के लिए लड़ूंगा। यह चुनाव सिर्फ सत्ता के लिए नहीं, बल्कि सम्मान और विकास के लिए है।” अब इस एक वाक्य से उन्होंने न सिर्फ चर्चाओं पर विराम लगा दिया, बल्कि उन आलोचकों को भी चुप करा दिया और तस्वीर साफ कर दी कि 2025 के लिए चिराग पोस्टर से निकलकर मैदान में उतर चुके हैं।
अपने भाषण में चिराग ने बिहार के वर्तमान, अतीत और भविष्य को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने कांग्रेस और आरजेडी को सीधे निशाने पर लिया और बीजेपी-नीतीश गठबंधन को सामाजिक न्याय और विकास का असली वाहक बताया।
उन्होंने कहा, “2025 बिहार के लिए निर्णायक साल है। एक बार फिर हम अगले पांच साल के लिए अपना नेतृत्व चुनने जा रहे हैं। ऐसे में यह साल सिर्फ चुनाव ही नहीं, बल्कि हमारा भविष्य भी तय करेगा।” चिराग ने जनता से अपील की कि वे किसी नेता या पार्टी के वादों पर आंख मूंदकर भरोसा न करें, बल्कि सवाल पूछें कि उन्होंने अब तक क्या किया?
‘कांग्रेस भी बराबर की कसूरवार’
चिराग ने साफ कहा कि कांग्रेस और आरजेडी ने मिलकर कर्पूरी ठाकुर की सरकार गिराई। 80 के दशक से लेकर लालू यादव के शासन तक नरसंहारों का लंबा दौर चला। यह वह दौर था जिसे ‘जंगल राज’ कहा गया, जिसके लिए कांग्रेस और आरजेडी दोनों बराबर की जिम्मेदार हैं।
चिराग पासवान ने कहा, ‘जो लोग कर्पूरी ठाकुर और बाबा साहब अंबेडकर को सिर्फ नारों में जपते हैं, वे सच में उन पर विश्वास नहीं करते। बाबा साहब की पहली प्रतिमा वीपी सिंह की सरकार में मेरे पिता रामविलास पासवान ने लगवाई थी। ‘कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का काम हमारी सरकार ने किया। यह काम न तो कांग्रेस ने किया और न ही आरजेडी ने।’
‘मेरी सोच थी कि बिहारियों को पढ़ाई और नौकरी के लिए बाहर न जाना पड़े, मैंने ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ की नीति शुरू की लेकिन इन ताकतों ने मेरी पार्टी को तोड़ दिया, मेरे परिवार को तोड़ने की साजिश की। “लेकिन वे भूल गए कि चिराग पासवान एक शेर का बेटा है। मैं सिर्फ़ एक नेता के तौर पर नहीं बल्कि एक बेटे के तौर पर लड़ रहा हूँ। ऐसे बिहार के लिए जहाँ किसी को रोज़गार के लिए पलायन न करना पड़े, जहाँ हर बच्चा पढ़े और हर युवा को अवसर मिले।”