India News (इंडिया न्यूज), Bihar Cabinet Expansion: बिहार सरकार के कैबिनेट विस्तार के बाद यादव समाज से किसी को मंत्री नहीं बनाए जाने पर राजनीतिक बहस तेज हो गई है। इस मुद्दे पर बीजेपी विधायक और पूर्व भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्टी में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाता, बल्कि यह योग्यता और जरूरत के आधार पर फैसले लेती है।
रामसूरत राय ने कहा कि जब उनकी जाति से कोई मंत्री नहीं था, तब भी उन्हें मंत्री बनाया गया था। ऐसे में, इस बार यादव समाज से कोई मंत्री न बनने को लेकर गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि बीजेपी अन्याय करने वाली नहीं, बल्कि न्याय करने वाली पार्टी है, जो सभी जातियों को प्रतिनिधित्व देने के लिए काम कर रही है।
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‘बीजेपी सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने वाली पार्टी’
रामसूरत राय ने कहा कि बीजेपी ने हमेशा समावेशिता की नीति अपनाई है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में यादव समाज से आने वाले व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया गया, जबकि इससे पहले किसी ने इसकी कल्पना भी नहीं की थी। इसी तरह, केंद्र में भी तीन यादव नेता मंत्री पद पर हैं। पूर्व मंत्री ने कहा कि यादव समाज अब सिर्फ राजद के ‘M-Y’ (मुस्लिम-यादव) समीकरण तक सीमित नहीं है।
बीजेपी को भी यादवों का समर्थन मिलने लगा है और पार्टी सभी वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व देने के प्रयास में जुटी है। उन्होंने यह भी कहा किपार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इस निर्णय को सोच-समझकर लिया होगा, और भविष्य में यादव समाज को भी उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा।
‘जनता के मन में उठ रहे सवालों का पार्टी देगी जवाब’
रामसूरत राय ने स्वीकार किया कि आम जनता के मन में यह सवाल उठ रहा है कि इस बार मंत्रीमंडल में यादव समाज का प्रतिनिधित्व क्यों नहीं किया गया, लेकिन उन्होंने भरोसा दिलाया कि पार्टी का नेतृत्व इससे अवगत है और आने वाले समय में उचित फैसला लिया जाएगा।
रामसूरत राय का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार की राजनीति में कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। परंपरागत रूप से यादव समाज राजद का मजबूत वोट बैंक रहा है, लेकिन बीजेपी अब इस समीकरण में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है।