India News (इंडिया न्यूज), Bihar Crime: बिहार के कटिहार से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां समूह लोन के कारण एक युवक ने अपनी जान दे दी है. इस घटना के बाद इलाके में मातम का माहौल है. यहां अब तक दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है. समूह लोन के इस मायाजाल के कारण कई परिवार बर्बाद हो चुके हैं.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, बिहार के कटिहार जिले के दुआशय पंचायत के कंदरपाली गांव में गैर बैंकिंग समूह ऋण के कर्ज से परेशान एक परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो गया. यहां एक व्यक्ति ने समूह ऋण के कारण आत्महत्या कर ली. इसके बाद उसकी पत्नी बेहोश हो गई. उसकी गोद में मौजूद एक साल की बच्ची यह नहीं समझ पा रही है कि उसके पिता को क्या हो गया है?

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परिवार के लोगों ने बताया कि संजीब ठाकुर, पिता नारद ठाकुर परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए मजदूरी करने हरियाणा के जींद शहर गए थे. यहां उनकी पत्नी किरण देवी को झूठे वादे कर ननबैंकिंग कंपनी के लोगों ने एक नहीं बल्कि कई ननबैंकिंग कंपनियों से लोन दिलवा दिया। हर सप्ताह लोन की किस्त नहीं चुका पाने के बाद रिकवरी एजेंट ने उनके पति संजीब ठाकुर को लगातार फोन कर परेशान और धमकी देना शुरू कर दिया।

नोनबैंकिंग कंपनी पर लगाया आरोप

पैसों का इंतजाम नहीं कर पाने के बाद संजीब ठाकुर डिप्रेशन में आ गया और नोनबैंकिंग कंपनी को सबकुछ के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए लाइव वीडियो बना लिया और आत्महत्या कर ली। परिजनों ने बताया कि समूह लोन चुकाने में असमर्थ परिवार पर जब लोन की रकम लौटाने का दबाव बढ़ा तो उसने हार मान ली और फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वहीं स्थानीय ग्रामीणों ने कहा है कि समूह लोन का मायाजाल और भी कई लोगों की जिंदगी तबाह कर सकता है, अगर सरकार जल्द इस पर कार्रवाई नहीं करती है तो ग्रामीण ननबैंकिंग समूह लोन के कर्ज में यूं ही बर्बाद होते रहेंगे।

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