India News (इंडिया न्यूज), Bihar News: बिहार शिक्षा विभाग इन दिनों एक्शन मोड पर नजर आ रहा है। इन दिनों शिक्षा विभाग पुराने नियमों को सुधारने में लगा हुआ है। शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में ई-शिक्षा कोष पोर्टल के जरिए ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन नालंदा में कई शिक्षक इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। वो अनियमित रूप से उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। शिक्षा विभाग ने अब ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई की है। 12 शिक्षकों पर कार्रवाई करते हुए उनका वेतन रोक दिया गया है।
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शिक्षा विभाग ने पत्र किया जारी
बता दें कि स्कूल समय के बाद दूसरी जगह से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराना कई शिक्षकों की आदत बन गई है। कुछ शिक्षक समय से पहले स्कूल छोड़ देते थे, जबकि कुछ देर से आने के बावजूद समय पर उपस्थिति बनाते थे। ऐसी लापरवाही को देखते हुए शिक्षा विभाग ने 18 फरवरी को एक पत्र जारी किया था। विभाग से स्पष्टीकरण मांगा गया था। कोई जवाब नहीं मिलने पर अब वेतन रोक दिया गया है।
वेतन रहेगा बंद
तो वहीं, शिक्षा विभाग की तरफ से कई कार्रवाई में गलती सामने आई है, जिन शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें से एक पंकज कुमार की मौत 2023 में ही हो गई थी। 21 फरवरी को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना आनंद शंकर ने बताया कि इन 12 शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। उन्हें 24 घंटे के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया गया है। जब तक उनका संतोषजनक जवाब नहीं मिलता, तब तक उनका वेतन बंद रहेगा।
4 स्कूलों के हेडमास्टरों का वेतन बंद
शिक्षा विभाग की माने तो शिक्षकों की इस लापरवाही में हेडमास्टरों की भी मिलीभगत हो सकती है। हेडमास्टर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण विभाग ने 4 स्कूलों के हेडमास्टरों का वेतन भी रोक दिया है। उनसे भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। इस मामले को लेकर शीतला उच्च विद्यालय मघरा की प्रधानाध्यापिका नूतन सिंहा ने जानकारी देते हुए कहा कि उन्हें विभाग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक पत्र नहीं मिला है। उनके विद्यालय के शिक्षक समय पर आते-जाते हैं, जिन शिक्षकों का वेतन रोका गया है, उनमें से कुछ शिक्षक डाइट नूरसराय में विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम के प्रशिक्षण में शामिल थे।