India News (इंडिया न्यूज), Bihar Government: बिहार सरकार ने राज्य धार्मिक न्यास पर्षद को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। इस संबंध में राज्य सरकार के विधि विभाग ने एक आदेश जारी किया है, जिसके बाद पर्षद के कार्यों की जिम्मेदारी अब प्रशासक को सौंप दी गई है। विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश में यह कहा गया है कि पर्षद में कार्यों का संपादन सही तरीके से नहीं हो रहा था, जिससे राज्य सरकार ने यह कठोर कदम उठाया।
जनवरी 2021 धार्मिक न्यास पर्षद का हुआ गठन
धार्मिक न्यास पर्षद का गठन जनवरी 2021 में किया गया था, जिसमें अखिलेश कुमार जैन को अध्यक्ष बनाया गया था और 11 सदस्य शामिल थे। पर्षद का मुख्य कार्य राज्य के मंदिरों का संचालन और उनकी देखभाल करना था। लेकिन, पर्षद द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन ठीक से न किए जाने के कारण राज्य सरकार ने इसे भंग करने का निर्णय लिया।
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अब, इस पर्षद के कामकाज के संचालन के लिए विधि विभाग के सचिव और विधि परामर्शी अंजनी कुमार सिंह को प्रशासक के रूप में नियुक्त किया गया है। वे अब पर्षद के कार्यों का संचालन करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि मंदिरों का संचालन सुचारू रूप से हो।
संचालन बेहतर बनाने के लिए उठाएगी कदम
इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार धार्मिक स्थलों के संचालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अव्यवस्था को बर्दाश्त नहीं करेगी। सरकार अब मंदिरों के संचालन में सुधार लाने के लिए तत्पर है और इस दिशा में प्रशासक को नियुक्त किया गया है।