India News (इंडिया न्यूज), Bihar Government: बिहार सरकार ने घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं की सुरक्षा और सहायता के लिए राज्यभर में 140 पूर्णकालिक संरक्षण अधिकारी’ (Protection Officer – PO) नियुक्त करने का निर्णय लिया है। समाज कल्याण विभाग द्वारा इस योजना के तहत अनुमंडल, जिला और राज्य स्तर पर अधिकारियों की तैनाती की जाएगी, जिससे महिलाओं को त्वरित और प्रभावी न्याय मिल सके।

महिलाओं की सुरक्षा के लिए नई पहल

समाज कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं बिहार महिला एवं बाल विकास निगम की अध्यक्ष-सह-एमडी हरजोत कौर बमराह ने बताया कि घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि 101 संरक्षण अधिकारी अनुमंडल स्तर पर, 38 जिला स्तर पर और 1 राज्य स्तर पर नियुक्त किए जाएंगे। यह निर्णय घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 के तहत लिया गया है, जिससे हिंसा से पीड़ित महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों के अनुरूप सुरक्षा और राहत दी जा सके।

वन स्टॉप सेंटर (OSC) की संख्या में वृद्धि

घरेलू हिंसा और अन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं को त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए बिहार सरकार 11 नए ‘वन स्टॉप सेंटर’ (OSC) खोलने जा रही है। ये सेंटर मुजफ्फरपुर, गया, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, कटिहार, रोहतास, मधुबनी, कैमूर, औरंगाबाद और जमुई में स्थापित किए जाएंगे। वर्तमान में बिहार के 38 जिलों में 39 OSC संचालित हैं, जिनमें पटना में दो सेंटर हैं। नए केंद्र खुलने के बाद यह संख्या 50 तक पहुंच जाएगी।

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महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि

बिहार सरकार द्वारा जारी आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2023-24 के अनुसार, 2022-23 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 8,002 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 6,952 मामलों का निपटारा किया गया। इनमें सबसे अधिक 5,615 मामले घरेलू हिंसा से जुड़े थे, जबकि 708 दहेज उत्पीड़न, 147 बलात्कार और तस्करी, 71 दूसरी शादी, 48 बाल विवाह, 42 साइबर अपराध और 23 कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से संबंधित थे।

राज्य सरकार पहले ही दहेज निषेध अधिनियम और बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 जैसे कड़े कानून लागू कर चुकी है। नई पहल के तहत महिलाओं को घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न और यौन शोषण जैसी समस्याओं से बचाने के लिए संरचनात्मक और कानूनी सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, OSC सेंटर महिलाओं को मनोवैज्ञानिक, कानूनी और चिकित्सा सहायता भी प्रदान करेंगे।

सरकार की उम्मीदें और भविष्य की योजनाएं

सरकार का मानना है कि इन कदमों से महिलाएं आगे आकर अपनी शिकायतें दर्ज कराने के लिए प्रेरित होंगी और उन्हें न्याय मिलने की प्रक्रिया तेज होगी। अधिकारी बमराह ने कहा कि सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए लगातार नई योजनाओं पर काम कर रही है, ताकि वे सुरक्षित और आत्मनिर्भर जीवन जी सकें।

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