India News (इंडिया न्यूज), Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वे का कार्य तेजी से जारी है, और इसे और प्रभावी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। राज्य के सभी प्रमंडलों के लिए स्वतंत्र सर्वर चालू कर दिया गया है, जिससे दस्तावेजों के स्टोरेज की समस्या खत्म हो जाएगी। अब रैयत (भूमि मालिक) सर्वे निदेशालय की वेबसाइट पर जाकर अपनी स्वघोषणा और वंशावली को आसानी से अपलोड कर सकते हैं।

24 घंटे में दूर होंगी तकनीकी दिक्कतें

भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक कमलेश कुमार सिंह ने 27 फरवरी को जूम बैठक के जरिए सभी 38 जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने निर्देश दिया कि 24 घंटे के भीतर किसी भी तकनीकी समस्या का समाधान किया जाए। इसके अलावा, सभी प्रमंडलों का आंतरिक लिंक अलग कर दिया गया है, जिससे डिजिटाइज्ड और स्कैन किए गए डेटा को सुरक्षित रखा जा सके।

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त्रुटिपूर्ण जमाबंदियों में होगा सुधार

कई जगहों पर जमाबंदियों में त्रुटियां सामने आई हैं, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। इस समस्या के समाधान के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी जिलों के समाहर्ताओं को इस बारे में निर्देश जारी कर दिया है। प्रत्येक जिले में शिविरों की संख्या, स्थान और अन्य जरूरी फैसले स्थानीय प्रशासन द्वारा तय किए जाएंगे।

900 कर्मियों ने दिया इस्तीफा

इस बीच, बड़ी संख्या में सर्वे कर्मियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। गया में 42 और मधुबनी में 26 सहित पूरे बिहार में करीब 900 कर्मियों ने त्यागपत्र सौंपा है। बताया जा रहा है कि इन सभी का चयन जूनियर इंजीनियर के पद पर हो चुका है, जिसके चलते उन्होंने सर्वे कर्मी पद को छोड़ दिया। सर्वे निदेशालय को इस स्थिति से शीघ्र अवगत कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। इस पूरे बदलाव से बिहार में भूमि सर्वेक्षण कार्य और तेज होगा और डिजिटल प्रक्रियाएं अधिक सुचारु रूप से संचालित की जा सकेंगी।

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