India News (इंडिया न्यूज़),Shakti,Bihar News: इंडिया गठबंधन के मुंबई की बैठक से पहले बिहार के मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा काफ़ी अहम है। दिल्ली पहुंच कर नीतीश कुमार ने सबसे पहले अटल बिहारी वाजपेई को श्रद्धांजलि दी, नीतीश कुमार को करीब से जानने वालों की माने तो नीतीश बिना कारण के कुछ नहीं करते। अटल वाजपेई को श्रद्धांजलि देकर उन्होंने कांग्रेस को मैसेज देने की कोशिश की है कि मुंबई की बैठक में संयोजक के नाम की घोषणा हो जाये, वरना उनके लिए विकल्प खुले है।
विपक्षी दलों से मुलाकात के मायने
अरविंद केजरीवाल के साथ कई नेताओं से नीतीश कुमार मिल रहे है, इसके भी राजनीतिक मायने है अभी कुछ दिन पहले जब लालू यादव दिल्ली गए थे तो राहुल गाँधी उनसे मिले थे और नीतीश केजरीवाल से मिले, इंडिया गठबंधन विपक्षी एकता के लाख दावे कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत है कि अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस कई राज्यों में आमने सामने है, ऐसे में एक तरफ लालू यादव का राहुल गाँधी से मिलना तो दूसरी तरफ नीतीश का केजरीवाल से मिलना साफ है की इंडिया गठबंधन में अंदर खींच तान शुरू हो गई है, जो धीरे धीरे सामने आनी शुरू हो गई है।
एंटी मोदी और एंटी कांग्रेस
बिहार की बात करें तो नीतीश आज भले राजद के साथ है लेकिन उनकी सारी उपलब्धि लालू राज के खिलाफ है और आज भी लालू यादव अपने पुराने सहयोगी कांग्रेस के करीब है। लालू यादव ने पटना की 23 जून बैठक में इशारों इशारों में राहुल गाँधी को दूल्हा भी कह दिया था, ऐसे में अगर राहुल विपक्ष के प्रधानमंत्री के उम्मीदवार हो जाते है फिर तो नीतीश कुमार का क्या होगा ये बड़ा सवाल है।
2024 के बाद राजद उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री के पद पर रहने नहीं देगी, नीतीश कुमार राजनीतिक के चाणक्य कहे जाते है उन्हें इन सब बांतों का आभास है इसलिए वो इंडिया गठबंधन के अंदर एक अलग खेमा तैयार कर रहे है जो एंटी मोदी और एंटी कांग्रेस हो।
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