India News (इंडिया न्यूज), Bihar News: बिहार के सहरसा-पूर्णिया रेलखंड के खजूरी रेलवे ढाला को बंद किए जाने के विरोध में ग्रामीणों का आक्रोश भड़क उठा। जानकारी के अनुसार स्थानीय लोगों ने रेलवे के इस फैसले का विरोध करते हुए आगजनी और पथराव किया। आक्रोशित जनता ने जेसीबी मशीन को आग के हवाले कर दिया और इतना ही नहीं रेलवे अधिकारियों पर पत्थरबाजी भी की।
जानिए क्यों भड़के ग्रामीण?
रेलवे ने समपार फाटक संख्या 97C को बंद करने का आदेश दिया था क्योंकि उसके पास अंडरपास का निर्माण किया गया है। रेलवे अधिकारियों ने जब इस आदेश को लागू करने के लिए काम शुरू किया, तो ग्रामीणों ने इसका कड़ा विरोध किया। ऐसे में उनका कहना था कि रेलवे ने बिना किसी पूर्व जानकारी के यह निर्णय लिया, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों की मुख्य समस्याएं आई सामने
बिना वैकल्पिक व्यवस्था के फाटक बंद कर दिया गया। इसके बाद स्कूली बच्चों, मरीजों और आम नागरिकों को लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है, साथ ही बरसात के दिनों में अंडरपास में जलभराव की समस्या होती है, जिससे आवाजाही मुश्किल हो जाती है। उन्होंने आग बताया कि पैदल चलने वालों और छोटे वाहनों के लिए यह रास्ता दुर्गम हो जाता है। बता दें, रेलवे अधिकारी और कर्मी जब अंडरपास के निर्माण कार्य में जुटे थे, तभी कुछ ग्रामीणों ने *महिलाओं को आगे कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने पहले खेतों में रखे पुआल में आग लगा दी, फिर देखते ही देखते पथराव शुरू कर दिया। भीड़ ने मौके पर मौजूद जेसीबी को आग के हवाले कर दिया।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
ऐसे में घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। हालात इतने बिगड़ गए कि *इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील करना पड़ा। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अंडरपास का निर्माण यात्रियों की सुविधा के लिए किया गया है और इससे भविष्य में फायदा होगा। हालांकि, ग्रामीणों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए जरुरी व्यवस्था पर विचार किया जा सकता है।
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