India News (इंडिया न्यूज), Bihar Police News: बिहार के क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम प्रदेश के 1380 थानों में तैनात पुलिसकर्मियों को डिजिटल करने जा रहा है। इस सिस्टम का इस्तेमाल करने से अब तक 12.20 लाख से ज्यादा FIR दर्ज की जा चुकी हैं, जबकि 2.24 लाख से ज्यादा गिरफ्तारी ज्ञापन जारी किए जा चुके हैं। पिछले 5 सालों में CCTNS पर 10 लाख से ज्यादा अपराधियों का डेटाबेस अपलोड किया जा चुका है।

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बता दें कि यह डेटाबेस फेशियल रिकॉग्निशन और गैंग एनालिसिस के आधार पर तैयार किया गया है, जिसका इस्तेमाल अपराधियों की पहचान करने, उनके आपराधिक इतिहास को जानने के लिए, तेजी से गिरफ्तारी करने, अपराध को प्रभावी तरीके से रोकने और पहचानने करने के लिए तैयार किया गया है।

3 करोड़ स्टेशन पर डायरियां दर्ज

2024 से 3 नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद CCTNS का महत्व और बढ़ गया है। अब स्टेशन डायरी से लेकर केस डायरी तक सब कुछ ऑनलाइन दर्ज करना अनिवार्य हो गया है। बिहार पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, अब तक CCTNS के माध्यम से 3.24 करोड़ से अधिक स्टेशन डायरियों और 20 लाख से अधिक केस डायरियां दर्ज की जा चुकी हैं। इसके माध्यम से 3 लाख चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी हैं।

गृह विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, CCTNS को अब ऑनलाइन न्यायिक प्रणाली ICJS (एकीकृत आपराधिक न्याय प्रणाली) से जोड़े जाने का प्लान तैयाक किया जा रहा है, ताकि सभी न्यायालय, जेल और फोरेंसिक प्रयोगशालाएं भी पुलिस थानों और पुलिस अधिकारियों से जुड़ जाएं। वर्तमान में 37 जिला न्यायालय, 42 अनुमंडल न्यायालय, 894 पुलिस थाने, 59 जेल और तीन अपराध विज्ञान प्रयोगशालाएं ICJS से जुड़ी हुई हैं। ICJS के CCTNS से जुड़ने पर न्यायालय FIR चार्जशीट के मेटाडेटा तक पहुंच सकेंगे।

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डायल 112 सेवा शुरू

आपको बता दें कि बिहार पुलिस को आम जनता तक पहुंचाने के लिए इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ERSS) के तहत पूरे राज्य में डायल 112 सेवा शुरू की गई है। बिहार पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, इस सेवा का इस्तेमाल करने से अब पुलिस को जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचने में सिर्फ 15 मिनट का समय लगेगा। पहले इस सेवा की अवधि 20 मिनट थी। पुलिस मुख्यालय इस समयावधि को और कम करने के उपाय खोजने में लगा हुआ है।