India News(इंडिया न्यूज़),Bihar School News: बिहार के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 12वीं तक के छात्रों के लिए परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव किया गया है। अब विद्यार्थियों को मासिक परीक्षा नहीं देनी होगी। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में नई व्यवस्था लागू करते हुए छात्रों के आंतरिक मूल्यांकन का नया तरीका अपनाने का निर्णय लिया है।

मासिक परीक्षा के स्थान पर साप्ताहिक और त्रैमासिक परीक्षा

प्राथमिक शिक्षा एवं समग्र शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने इस बदलाव को लेकर सभी प्रधानाध्यापकों और बीईओ को पत्र जारी किया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि वर्ष 2025 से मासिक परीक्षा पूरी तरह समाप्त कर दी जाएगी। इसके स्थान पर अब प्रत्येक सोमवार को साप्ताहिक परीक्षा होगी, जिससे छात्रों की नियमित शैक्षणिक मूल्यांकन प्रक्रिया बनी रहेगी। यदि सोमवार को अवकाश पड़ता है, तो परीक्षा अगले कार्य दिवस पर आयोजित की जाएगी। इसके अलावा, पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों की त्रैमासिक, अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षाएं राज्य शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) द्वारा ली जाएंगी। वहीं, नवमीं से बारहवीं तक के छात्रों के लिए इन परीक्षाओं का आयोजन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) करेगी।

हरियाणा सरकार वक्फ बोर्ड को दी गई शामलात जमीन पर आखिर क्या बोले हरियाणा के सीएम नायब सैनी

खानापूर्ति रोकने के लिए लिया गया निर्णय

शिक्षा विभाग के निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि मासिक परीक्षाओं का आयोजन और कॉपियों की जांच में लापरवाही हो रही थी। कई जगहों पर परीक्षा मात्र औपचारिकता बनकर रह गई थी, जिससे छात्रों का मूल्यांकन सही ढंग से नहीं हो पा रहा था। इसके मद्देनजर विभाग ने यह निर्णय लिया कि मासिक परीक्षा को हटाकर त्रैमासिक परीक्षा को अनिवार्य किया जाए, ताकि शिक्षकों को उत्तर पुस्तिका जांचने और विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम समझने का पर्याप्त समय मिल सके।

विद्यार्थियों और अभिभावकों को मिलेगा विस्तृत फीडबैक

अब नई परीक्षा प्रणाली के तहत छात्रों की साप्ताहिक परीक्षाओं के बाद आंतरिक मूल्यांकन किया जाएगा और इसका परिणाम छात्रों व अभिभावकों को बताया जाएगा। इससे छात्रों की शिक्षा का स्तर बेहतर बनाने में मदद मिलेगी और वे परीक्षा की तैयारी को लेकर अधिक गंभीर रहेंगे।

बदलाव से शिक्षकों और छात्रों को होगा लाभ

शिक्षा विभाग के अनुसार, मासिक परीक्षा प्रणाली के चलते शिक्षकों को पाठ्यक्रम पूरा करने के साथ-साथ मूल्यांकन करने का भारी दबाव था। इसके चलते परीक्षा आयोजन में अनियमितताएं देखी जा रही थीं। अब त्रैमासिक परीक्षा लागू होने से न केवल शिक्षकों को तैयारी के लिए अधिक समय मिलेगा, बल्कि छात्रों को भी पढ़ाई का समुचित अवसर मिलेगा।

Trump का एक आदेश और 41 देशों में आ गया भूचाल, अब अमेरिका में नहीं मिलेगी किसी को एंट्री, शुरू होंगे पाकिस्तान के बुरे दिन