India News (इंडिया न्यूज), Bihar Women Schemes: बिहार सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण और कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएँ चला रही है। जानकारी के अनुसार सरकार ने महिलाओं के लिए कई योजनाओं को सामने रखा है और इन योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना और समाज में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देना है। इन योजनाओं में महिलाओं के लिए सुरक्षा से लेकर रोजगार तक की नीतियां तय हैं।
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मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना
सरकार की इस योजना पर महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही है, जिसमें उन्हें अलग-अलग कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाया जाता है।
मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना
इसके अलावा, इस योजना के तहत बालिकाओं की सुरक्षा और शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार हो सके। इसके साथ-साथ महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं पर अंकुश लगाने और पीड़ित महिलाओं को त्वरित सहायता पहुंचाने के लिए सरकार ने वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। फिलहाल बिहार में 39 वन स्टॉप सेंटर कार्यरत हैं, जिनका लाभ अब तक 4,402 पीड़ित महिलाओं को मिल चुका है। ऐसे में, सरकार अब इन केंद्रों का विस्तार कर हर जिले और पंचायत स्तर तक पहुंचाने की योजना बना रही है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को भी त्वरित सहायता मिल सके।
महिला प्रोत्साहन योजना
बता दें, सरकार ने महिला प्रोत्साहन योजना की घोषणा की है, जिसके तहत प्रति माह महिलाओं को सम्मानजनक सुनिश्चित राशि दी जाएगी। इस योजना में 18 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को शामिल करने का प्रस्ताव है, जिनकी आय के अन्य स्रोत नहीं हैं। बिहार सरकार ने राज्य की सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है, जिससे वे सरकारी सेवाओं में अधिक संख्या में शामिल हो सकें और समाज में अपनी भागीदारी बढ़ा सकें।
पिंक बस सेवा और पिंक टॉयलेट्स
योजनाओं के साथ-साथ महिलाओं की सुविधा के लिए सभी शहरों में पिंक बस सेवा शुरू की जाएगी, जिसमें ड्राइवर, कंडक्टर और डिपो मेंटेनेंस स्टाफ के पदों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था होगी। साथ ही, सभी बड़े शहरों में महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट्स की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार ने महिलाओं के विकास, सशक्तीकरण और गरीबी उन्मूलन के लिए जीविका सशक्त कार्यक्रम है। इसके अंतर्गत अब तक 88.16 लाख परिवारों को आच्छादित करते हुए महिलाओं के 8.15 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है।