India News (इंडिया न्यूज), Bihar Election 2025:हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में जीत दर्ज करने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अब बिहार मिशन पर पूरी ताकत झोंक दी है। संघ की रणनीति साफ है— बिहार में बीजेपी को सबसे बड़ी पार्टी बनाना और राजद-कांग्रेस गठबंधन को कमजोर करना। इस मिशन के लिए संघ ने नई रणनीति पर काम शुरू कर दिया है, जो पूरी तरह से बिहार के सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
RSS की चुनावी रणनीति – ‘3S फॉर्मूला’
संघ ने बिहार में चुनावी जीत के लिए ‘3S फॉर्मूले’—शक्ति, शाखा और संपर्क पर फोकस किया है। इसके तहत—
1. शक्ति – जमीनी कार्यकर्ताओं को मजबूत कर, बूथ स्तर तक संगठन का विस्तार।
2. शाखा – गांव-गांव में संघ की शाखाएं बढ़ाकर हिंदू वोट बैंक को एकजुट करना।
3. संपर्क – आम जनता से सीधे जुड़कर सरकार की नीतियों और हिंदुत्व विचारधारा को मजबूती देना।
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शताब्दी वर्ष में ‘बिहार फतह’ का लक्ष्य
इस साल आरएसएस अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है, जिसकी शुरुआत विजयादशमी से होगी। अगर बिहार में बीजेपी सत्ता के करीब पहुंचती है तो संघ के लिए इससे बड़ा उपहार कुछ नहीं होगा। दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा की जीत के पीछे संघ की बड़ी भूमिका रही थी, और अब उसी तर्ज पर बिहार में नई रणनीति अपनाई जा रही है।
राजद-कांग्रेस को पीछे धकेलने की कोशिश
संघ का लक्ष्य लालू यादव की राजद को कमजोर करना और मुस्लिम मतदाताओं में बिखराव लाना है। इसके लिए जन सुराज पार्टी और एआईएमआईएम जैसी पार्टियों को भी समीकरण में शामिल किया जा सकता है। वहीं, हिंदू वोट बैंक को मजबूत करने के लिए संघ और भाजपा मिलकर जमीनी स्तर पर काम कर रही हैं। बिहार में आरएसएस की बढ़ती सक्रियता ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। अब देखना होगा कि संघ का 3S फॉर्मूला बिहार में कितना कारगर साबित होता है और क्या बीजेपी इस रणनीति के तहत राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनने में सफल होगी?