प्रशांत किशोर का अनशन और पप्पू यादव की प्रतिक्रिया
प्रशांत किशोर ने गांधी मैदान में अनशन पर बैठने का ऐलान किया, जिससे आंदोलन को नई दिशा मिली। हालांकि, सांसद पप्पू यादव ने इसे “दिखावा” करार देते हुए प्रशांत किशोर पर राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगाया। पप्पू यादव ने आंदोलन को समर्थन देने के लिए सचिवालय हॉल्ट पर ट्रेनों को रोकने का भी निर्णय लिया।
छात्रों और नेताओं का सरकार पर दबाव
छात्र संगठनों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, आंदोलन जारी रहेगा। इस बीच, प्रदर्शनकारी छात्रों ने मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च किया, जहां पुलिस ने वाटर कैनन और लाठीचार्ज का सहारा लिया। इससे छात्रों में रोष फैल गया। प्रशांत किशोर पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने छात्रों का साथ छोड़ दिया, लेकिन किशोर ने सफाई देते हुए कहा कि वह पूरी तरह आंदोलन के साथ हैं।
सरकार की चुप्पी से बढ़ा तनाव
सरकार की ओर से अब तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई है। 4 जनवरी को BPSC की अगली परीक्षा होनी है, लेकिन छात्रों की नाराजगी और नेताओं का आक्रामक रुख स्थिति को और गंभीर बना रहा है। इस विवाद ने बिहार की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
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