India News (इंडिया न्यूज), Chivardan ceremony at Laos Monastery: बिहार के गया भगवान बुद्ध की पवित्र भूमि बोधगया स्थित लाओस मोनेस्ट्री में चीवरदान समारोह का आयोजन धूमधाम से किया गया, जिसमें कई देशों के बौद्ध भिक्षुओं और श्रद्धालुओं ने भाग लिया। जानकारी के मुताबिक, इस विशेष धार्मिक अनुष्ठान का शुभारंभ बौद्ध परंपरा के अनुसार पूजा-पाठ के साथ हुआ, जो कई घंटों तक चला। इस पूजा के बाद बौद्ध भिक्षुओं को चीवरदान की परंपरा निभाई गई।

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लाओस से आए बौद्ध भिक्षु भंते साईंसाना बौद्ध वांग ने बताया कि वर्षा ऋतु के तीन महीने के समापन के बाद बौद्ध भिक्षुओं को चीवरदान देने की परंपरा है। यह समारोह लगभग एक महीने तक चलता है और इसमें विभिन्न देशों के श्रद्धालु शामिल होते हैं। ऐसे में, चीवरदान का यह अनुष्ठान विश्व के कई देशों में मनाया जाता है, पर दूसरी तरफ, बोधगया में इसका विशेष महत्व है क्योंकि इसे भगवान बुद्ध की ज्ञान भूमि माना जाता है, जिसे लोग बड़ी श्रद्धा से मानते हैं।

श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था

जानकारी के मुताबिक, आज के समारोह में करीब 200 बौद्ध भिक्षुओं को चीवरदान दिया गया। इसमें लाओस, अमेरिका, कंबोडिया, ऑस्ट्रेलिया, म्यांमार आदि देशों के बौद्ध अनुयायी भी शामिल हुए। इनमें से कई श्रद्धालु पहली बार बोधगया आए थे और धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेकर खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रहे थे। इस चीवरदान समारोह ने श्रद्धालुओं को आंतरिक शांति और संतोष प्रदान किया। सभी ने भगवान बुद्ध के उपदेशों और साधना के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

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