India News (इंडिया न्यूज),Congress MLA Rajesh Kumar: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने एक बड़ा दांव खेलते हुए राजेश कुमार को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। राजेश कुमार दलित समुदाय से आते हैं और कुटुंबा (आरक्षित) विधानसभा सीट से लगातार दो बार विधायक रह चुके हैं। उनकी नियुक्ति को कांग्रेस की दलित वोटरों को साधने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले इस पद की जिम्मेदारी सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह के पास थी, लेकिन अब पार्टी ने 18 मार्च 2025 को राजेश कुमार को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया।

परिवार की राजनीतिक विरासत से आगे बढ़े राजेश कुमार

राजेश कुमार राजनीति में नए नहीं हैं, बल्कि उनका परिवार भी कांग्रेस से जुड़ा रहा है। वे पूर्व मंत्री दिल्केश्वर राम के बेटे हैं, जो कांग्रेस सरकार में देव विधानसभा क्षेत्र से विधायक और मंत्री रह चुके थे। उनके पिता ने चंद्रशेखर सिंह और भगवत झा आजाद सरकार में मंत्री पद संभाला था। इसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के कारण राजेश कुमार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली है।

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दलित नेतृत्व पर कांग्रेस का तीसरा दांव

कांग्रेस पहले भी बिहार में दलित नेतृत्व को प्राथमिकता देती रही है। इससे पहले डूमर लाल बैठा और अशोक चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। अब राजेश कुमार को यह जिम्मेदारी सौंपकर कांग्रेस ने तीसरी बार दलित चेहरे पर भरोसा जताया है। बिहार में दलित मतदाताओं की संख्या अच्छी-खासी है और कांग्रेस को उम्मीद है कि इससे वह दलित वोट बैंक में अपनी पकड़ मजबूत कर सकेगी।

राहुल गांधी की रणनीति और कांग्रेस को उम्मीदें

राहुल गांधी भी बिहार में दलित समुदाय को साधने के लिए लगातार सक्रिय रहे हैं। वे अब तक दो बार दलित सम्मेलन में शामिल हो चुके हैं। यह साफ संकेत देता है कि कांग्रेस इस वर्ग को अपनी ओर लाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। राजेश कुमार की संगठन पर पकड़ और दलित समाज में उनकी मजबूत पहचान कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।

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