India News (इंडिया न्यूज),Dhirendra shastari: गोपालगंज जिले के भोरे प्रखंड के रामनगर में राम जानकी मठ के पास चल रहे पांच दिवसीय हनुमान कथा के दौरान बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने मौके पर मौजूद श्रद्धालुओं से भोजपुरी भाषा में कहा, आप सब कैसे हैं, सब ठीक तो हैं? हम भी ठीक हैं।

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बागेश्वर बाबा की हिंदुओं से अपील

इस दौरान धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि बिहार की धरती पर आकर हम ऊर्जा से भर जाते हैं। बागेश्वर बाबा ने यह भी कहा, ‘हमें मंदिरों में भीड़ और सड़कों पर तूफान चाहिए। हमें रामराज्य से लबरेज भारत चाहिए। जब ​​सभी हिंदू जाति-पाति छोड़कर एक हो जाएंगे, तभी भारत हिंदू राष्ट्र कहलाएगा।

धीरेंद्र शास्त्री पुराने दिनों को याद कर भावुक हो गए

पंडाल में उमड़ी भीड़ को देखकर उन्होंने कहा, “अरे मूर्ख, टीन शेड मत तोड़ो। आराम से कथा सुनो। बहुत गरीबी के कारण टीन शेड लगाया गया है। यह भीड़ इसलिए है क्योंकि कल यहां दिव्य दरबार लगने वाला है।” इस दौरान कथा के बीच में ही धीरेंद्र शास्त्री भावुक हो गए। रोते हुए उन्हें अपने पुराने दिन याद आ गए। बागेश्वर धाम सरकार ने कहा कि ‘मेरे पिता को कोई शादी में नहीं बुलाता था।’

‘परिवार वालों ने शादी के कार्ड में पिता का नाम तक नहीं लिखा, क्योंकि हम गरीब थे। अगर फटे कपड़े पहनकर जाएंगे तो उनकी इज्जत चली जाएगी। लेकिन मेरी मां कहती थी, राम को कभी मत छोड़ना, हमारे भी दिन आएंगे। जब भगवान राम हम जैसे साधारण व्यक्ति को आशीर्वाद दे सकते हैं तो तुम्हें भी राम के चरण पकड़ने चाहिए।” – धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

बागेश्वर बाबा ने गरीबों के बारे में क्या कहा?

धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा कि ‘दुनिया में सम्मान उन्हीं को मिलता है जो नामी, अमीर या नेता होते हैं। मंच पर वही चढ़ते हैं जो अमीर होते हैं। गरीबों का इस्तेमाल सिर्फ ताली बजाने के लिए किया जाता है। आम आदमी की किसी को परवाह नहीं है। फोटो भी उन्हीं की खींची जाती है जो बड़े होते हैं।

देश-विदेश से भक्तों की भीड़

उन्होंने कहा कि हमने वो दिन अपनी आंखों से देखा है, गरीबों के पास सिर्फ भगवान होते हैं। बिहार के लोगों, आप हमारी आत्मा हैं, आप हमारे सदस्य हैं। भगवान राम का आशीर्वाद आपके जीवन में भी बना रहे। आपके जीवन में खुशियां बनी रहें। आपकी पूजा से पहले कौन मुझे पूछता था, मैं खुद को खोजता था, इस जीवन से पहले। धीरेंद्र शास्त्री की कथा में करीब 70 से 80 हजार लोग जुटे। छपरा, सीवान, मुजफ्फरपुर से श्रद्धालु बाबा की कथा सुनने यहां पहुंचे। इस दौरान यूक्रेन और यूएसएस से विदेशी भी कथा का आनंद लेने पहुंचे।

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