India News (इंडिया न्यूज), Bihar News: पूर्वी चंपारण जिले के अरेराज में पुलिस उपाधीक्षक (DSP) रंजन कुमार ने अपनी संवेदनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा का अनोखा उदाहरण पेश किया है। आमतौर पर पुलिस की छवि कड़क और अनुशासनप्रिय मानी जाती है लेकिन डीएसपी रंजन कुमार ने यह साबित किया कि वर्दी के पीछे भी एक संवेदनशील इंसान होता है। दामोदरपुर निवासी जयप्रकाश शुक्ला अपनी पत्नी अमरीता देवी और एक माह के बच्चे के साथ इलाज करवाकर मोतिहारी से घर लौट रहे थे। लेकिन रास्ते में पशुरामपुर चौक के पास उनकी कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। इस हादसे में पति-पत्नी और उनका नवजात गंभीर रूप से घायल हो गए।

DSP रंजन ने बच्चे को गोद में उठाकर अस्पताल पहुंचाया

हादसे के समय DSP रंजन कुमार मोतिहारी से अरेराज लौट रहे थे रास्ते में घायल परिवार को देखकर उन्होंने तुरंत अपनी गाड़ी रोकी और सभी घायलों को बाहर निकाला। DSP ने न केवल भाड़े की गाड़ी का इंतजाम किया बल्कि स्वयं घायल बच्चे को गोद में उठाकर अस्पताल पहुंचाया। उन्होंने घायलों को मोतिहारी के एबी अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।

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स्थानीय लोगों ने की प्रशंसा

DSP रंजन कुमार के इस सराहनीय कार्य की चारों ओर प्रशंसा हो रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनका यह कदम पुलिस की छवि को सुधारने और जनता के दिलों में विश्वास बहाल करने वाला है। उन्होंने जिस तत्परता से घायल परिवार की मदद की, वह पुलिस की मानवता और जनसेवा की भावना को दर्शाता है। DSP रंजन कुमार की इस पहल ने न केवल घायल परिवार की जान बचाई, बल्कि यह संदेश भी दिया कि पुलिस केवल कानून-व्यवस्था संभालने तक सीमित नहीं, बल्कि समाज के हर जरूरतमंद की मदद के लिए तत्पर रहती है।