India News (इंडिया न्यूज)Flood Control in Bihar: बिहार में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए नीतीश सरकार ने बड़ी तैयारी शुरू कर दी है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संभावित बाढ़ और सुखाड़ से पहले की तैयारियों की समीक्षा की है। इस बैठक में जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने विभाग द्वारा की जा रही तैयारियों का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। प्रस्तुत बिंदुओं से बाढ़ प्रबंधन के प्रति राज्य सरकार की तत्परता का पता चलता है।
बाढ़ की रोकथाम के लिए राज्य योजना/केन्द्र प्रायोजित/आपदा मद से 1310.09 करोड़ रुपये की लागत से बाढ़ 2025 से पहले गंगा, कोशी, गंडक, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, महानंदा आदि नदी घाटियों में कुल 394 स्थलों पर कटाव निरोधी कार्य कराए गए हैं।
तटबंधों की निगरानी एवं सतर्कता
- बाढ़ अवधि में तटबंध के अतिआक्राम्य/अतिसंवेदनशील स्थलों पर तटबंध एम्बुलेंस की व्यवस्था होती है।
- बाढ़ प्रक्षेत्र के कुल 3808 कि०मी० तटबंध के निगरानी के लिए प्रत्येक एक कि०मी० पर एक तटबंध श्रमिक की व्यवस्था होती है।
- तटबंध पर निगरानी एवं चौकसी के लिए पदाधिकारियों एवं श्रमिकों के लिए अस्थायी आवासन, शौचालय एवं पेयजल की व्यवस्था होती है।
- नदियों पर निर्मित बराज के माध्यम से नदी के जलश्राव का अनुश्रवण समय-समय पर करते हुए जलश्राव में अप्रत्याशित वृद्धि की स्थिति में संबंधित क्षेत्रीय पदाधिकारियों एवं जिला पदाधिकारियों को भी इसकी सूचना अविलम्ब प्रेषित की जाती है।
नेपाल से समन्वय
- नेपाल क्षेत्र में स्थित कोशी बैराज एवं तटबंध पर बाढ़ सुरक्षा हेतु किए गए कार्य जल संसाधन विभाग द्वारा किए गए हैं
- नेपाल प्रमंडल में उत्तर बिहार के विभिन्न नदी घाटियों में वास्तविक वर्षा/वर्षा पूर्वानुमान की जानकारी नेपाल के जल एवं मौसम विज्ञान विभाग से समय पर प्राप्त होती है।
- जल संसाधन विभाग, बिहार के संपर्क पदाधिकारी काठमांडू स्थित संपर्क कार्यालय के माध्यम से नेपाल एवं बिहार के बीच महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करते हैं।
बाढ़ संबंधी सूचना भेजने की व्यवस्था
बाढ़ नियंत्रण प्रकोष्ठ के अंतर्गत 01 जून से एक सहायता केंद्र की स्थापना की जानी है, जिसके अंतर्गत टोल फ्री नंबर 1800 345 6145, दूरभाष संख्या 0612-2206669, 0612-2215850 तथा मोबाइल नंबर 7463889706, 7463889707 24 घंटे चालू रहेंगे।
बाढ़ चेतावनी प्रणाली की व्यवस्था
- बाढ़ पूर्वानुमान हेतु बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायक केन्द्र, पटना के अन्तर्गत गणितीय प्रतिमान केन्द्र कार्यरत है, जिसका उपयोग कर गंगा नदी के बक्सर से कहलगाँव तक 7 अदद स्थलों सहित विभिन्न नदियों के कुल 42 स्थलों (घाघरा, गंडक, बागमती, अधवारा, कोशी एवं महानंदा सहित) का 72 घंटे पूर्व का बाढ़ पूर्वानुमान दिया जाएगा।
- सेटेलाईट इमेजरी का उपयोग प्रतिवर्ष बाढ़ प्रबंधन योजनाओं के सूत्रीकरण एवं अनुश्रवण के लिए किया जाता रहा है।
- मॉनसून के दौरान भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) एवं बिहार मौसम सेवा केन्द्र से बिहार के सभी जिलों के लिए अगले 5 दिनों एवं नेपाल प्रभाग का अगले तीन दिनों के लिए वर्षापात पूर्वानुमान प्राप्त कर तथा इसका उपयोग मॉडलिंग कार्य में भी किया जाएगा।
- वर्षापात पूर्वानुमान के आंकड़ों को बाढ़ प्रक्षेत्र से संबंधित सभी जिलाधिकारी एवं सभी संबन्धित विभागों को ससमय सूचना उपलब्ध कराया जाएगी।
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