India News (इंडिया न्यूज)Khelo India Youth Games 2025: गया को मोक्ष, आध्यात्म और ध्यान की भूमि के रूप में पूरे विश्व में जाना जाता है। लेकिन बिहार में खेलों को बढ़ावा देने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विजन के तहत खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के तहत यहां आयोजित विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं के बाद यह पावन भूमि अब खेलों के उत्कृष्ट स्थल के रूप में भी जानी जाने लगी है।

खेलों के इस समर में डेढ़ दर्जन से अधिक राज्यों के युवा खिलाड़ी यहां आए। गया के आध्यात्मिक माहौल के साथ-साथ खेलों के इस ऐतिहासिक आयोजन ने उनके मन पर अमिट छाप छोड़ी है। गया के बिपार्ड और बोधगया स्थित आईआईएम संस्थान के परिसर में तैराकी, खो-खो, थंगट, योगा, गतका, मलखम और कलरीपट्टू कुल सात खेलों का आयोजन किया गया। सभी खेलों का समापन 14 मई को हो चुका है।

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मोक्षनगरी में पहली बार खेलों का समर

इससे पहले गया में इतनी बड़ी खेल प्रतियोगिता का आयोजन नहीं हुआ था। बौद्ध दर्शन और भगवान बुद्ध की ज्ञान प्राप्ति की इस स्थली पर हर साल नवंबर-दिसंबर में दुनियाभर से बौद्ध धर्मावलंबी जुटते हैं। इसके अलावा कई देशों खासकर बौद्ध देशों से भिक्षु, लामा और बुद्ध के अनुयायी बड़ी संख्या में यहां आते रहते हैं। पितृ पक्ष के अवसर पर भी दुनियाभर से लोग यहां आकर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते हैं। लेकिन खेलो इंडिया के इस भव्य आयोजन ने इस ऐतिहासिक शहर को खेल के नजरिए से दर्शकों और खिलाड़ियों की एक नई भीड़ से परिचित कराया, जो अपने आप में अनूठा था।

गया के एक बड़े होटल संचालक मृत्युंजय कुमार ने बताया कि गया और बोधगया में पर्यटकों और तीर्थयात्रियों का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन खेलो इंडिया ने यहां लोगों की एक नई भीड़ ला दी है। होटल संचालक सुरेंद्र कुमार भी कुछ ऐसा ही मानते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों के शुरू होने से शहर को राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान मिली है और इससे यहां आने वाले लोगों का एक अलग समूह आया है, जिसमें युवाओं की संख्या अधिक है। इससे यहां की आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। इस आयोजन से होटल, रेस्टोरेंट, स्थानीय छोटे दुकानदार, टूर ऑपरेटर और टैक्सी चालकों को काफी कमाई हुई है। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर उनकी कमाई इस बार दो से तीन गुना बढ़ गई है। स्थानीय व्यवसायी और यहां के लोग अक्सर इस तरह के आयोजन करने की बात कर रहे हैं।

बिपार्ड का खेल परिसर राष्ट्रीय स्तर का

इस आध्यात्मिक धरती पर खेलों के लिए कोई अलग या विशेष बड़ा और स्थायी बुनियादी ढांचा नहीं है। लेकिन बिपार्ड (बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान) में एक शानदार और आधुनिक खेल परिसर है, जो सभी श्रेणियों के पदाधिकारियों, अधिकारियों, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों के लिए विश्वस्तरीय प्रशिक्षण केंद्र है। खेलो इंडिया के तहत यहां तैराकी, खो-खो, थांगटा, योग, गतका, मलखम और कलारीपयट्टू खेलों का आयोजन किया जाता था। बिपार्ड संस्थान में बना खेल परिसर, खासकर इसका स्विमिंग पूल अंतरराष्ट्रीय स्तर का है। इसे थोड़े आधुनिक तरीके से व्यवस्थित कर खेलो इंडिया प्रतियोगिता के अनुकूल बनाया गया था। यही वजह है कि यहां खेलो इंडिया से जुड़ी प्रतियोगिताओं का आयोजन संभव हो सका।

बिपार्ड मुख्य भवन परिसर के ठीक पीछे 10.5 एकड़ का मैदान है, जिसे खेल परिसर के लिए खास तौर पर तैयार किया गया है। इसमें एक छोटे से फुटबॉल मैदान के अलावा साइकिलिंग ट्रैक, जॉगिंग ट्रैक, 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ के लिए विशेष स्प्रिंटेड ट्रैक, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, लॉन टेनिस कोर्ट जैसी सुविधाएं भी हैं। यहां की सबसे बड़ी खासियत ओलंपिक साइज के स्विमिंग पूल का होना है, जो इस खेल परिसर को बेहद खास बनाता है। यहां बना 30 मीटर लंबा भव्य स्विमिंग पूल सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों पर पूरी तरह खरा उतरता है। इस पूल में मौसम के हिसाब से पानी का तापमान बनाए रखा जा सकता है। खेलो इंडिया आयोजन से पहले इसे काफी बेहतर तरीके से तैयार किया गया था, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। इस आधुनिक स्विमिंग पूल में तैराकी से जुड़ी सभी तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती थीं। भविष्य में यह स्विमिंग पूल तैराकी प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए राष्ट्रीय पटल पर एक मानक बनकर उभरेगा।

इसके अलावा बिपार्ड के परिसर में एक इनडोर खेल स्टेडियम भी है, जिसका नाम मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स रखा गया है। बैडमिंटन, टेबल टेनिस, स्नूकर जैसे इनडोर खेलों के अलावा इसमें 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग रेंज भी है। ये सभी भी उच्च गुणवत्ता के हैं। आने वाले कुछ महीनों में यहां घुड़सवारी की सुविधा भी बहाल हो जाएगी।

बिहार के खिलाड़ियों ने जमकर अपना दम

खेलो इंडिया यूथ गेम्स के तहत बोधगया के बिपद में आयोजित गतका प्रतियोगिता में बिहार की टीम ने सबसे ज्यादा नौ पदक जीते। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इसके अलावा यहां आयोजित योगा समेत कुछ अन्य प्रतियोगिताओं में भी बिहार ने कुछ पदक जीते हैं।

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