India News (इंडिया न्यूज)Lalu Prasad Yadav: बिहार के पूर्व सीएम और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। सीवान कोर्ट ने 13 साल पुराने एक मामले में उनके खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कुर्की की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। यह मामला साल 2011 का है, जब उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान बिना इजाजत के सभा की थी और कानून का उल्लंघन किया था। लगातार कोर्ट में पेश नहीं होने की वजह से अब उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है। इस खबर से बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है और आरजेडी समर्थक चिंतित हैं।

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फिर सामने आया पुराना मामला

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं. सीवान कोर्ट ने उनके खिलाफ साल 2011 में दर्ज एक पुराने मामले में कुर्की और जब्ती की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। दरअसल, यह मामला आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ा है। तब लालू यादव ने बिहार के दरौंदा विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी सभा को संबोधित किया था, जबकि उस जगह पर धारा 144 लागू थी और लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक थी । इसके बावजूद उन्होंने माइक से भाषण दिया, जो कानून का उल्लंघन था।

बिना अनुमति के चुनावी सभा की थी

यह घटना 2011 में बिहार विधानसभा के उपचुनाव के दौरान हुई थी। उस समय लालू प्रसाद यादव देश के रेल मंत्री थे। वे अपनी पार्टी राजद के उम्मीदवार परमेश्वर सिंह के समर्थन में दरौंदा विधानसभा क्षेत्र में प्रचार कर रहे थे। लेकिन चुनाव आयोग ने जिस जगह वे प्रचार कर रहे थे, वहां किसी भी तरह की सभा की अनुमति नहीं दी थी। उस इलाके में धारा 144 लागू थी। इसका मतलब है कि भीड़ इकट्ठा करना या सार्वजनिक सभा करना कानूनन प्रतिबंधित था। इसके अलावा वहां लाउडस्पीकर या माइक का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था। इसके बावजूद लालू यादव ने वहां माइक से भाषण दिया, जो नियमों का उल्लंघन था।

कोर्ट में पेश नहीं होने पर सख्त कार्रवाई

इस मामले में सीवान जिले में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था। कोर्ट द्वारा कई बार समन जारी करने के बावजूद लालू यादव कोर्ट में पेश नहीं हुए। उनकी लगातार अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए अब एसीजेएम प्रथम कोर्ट, सीवान ने उनके खिलाफ कुर्की-जब्ती की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। इसका मतलब यह है कि अब प्रशासन उनकी घोषित संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई कर सकता है। यह एक सख्त कानूनी कदम है जो उनके कोर्ट में अनुपस्थित रहने पर उठाया जाता है।

बढ़ सकती हैं मुश्किलें

इस मामले की अगली सुनवाई 30 मई 2025 को तय की गई है। अगर तब तक लालू यादव कोर्ट में पेश नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ और सख्त कानूनी कदम उठाए जा सकते हैं। बता दें, यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब आरजेडी एक बार फिर बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने की कोशिश कर रही है। चारा घोटाले समेत कई मामलों में लालू यादव के खिलाफ पहले से ही कानूनी कार्रवाई चल रही है। ऐसे में यह नया मोड़ उनके लिए परेशानी का सबब बन सकता है।

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