India News (इंडिया न्यूज), Mahashivratri 2024: यह तो आप सभी लोग जानते हैं कि पटना के सबसे प्राचीन और पवित्र शिव मंदिर का जब जिक्र होता है तो लोगों के जुबा पर सबसे पहला नाम खाजपुरा शिव मंदिर का होता है। यह प्रसिद्ध मंदिर बेली रोड पर खाजपुरा में स्थित है। खाजपुरा शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंग को बेहद की पवित्र माना जाता है। इस मंदिर में शिवलिंग के अलावा मां दुर्गा, मां अन्नपूर्णा, हनुमान और लक्ष्मी जी की मूर्तियों को भी स्थापित किया गया हैं। महाशिवरात्रि 2025 के अलावा सावन में भी यहां भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।

बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर

इसी के साथ अगर पटना के बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर की बात करें तो इस मंदिर को सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है। यह पवित्र मंदिर पटना के बिहटा में स्थित है। इस मंदिर को लाखों भक्तों की आस्था का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं कि यह मंदिर महाभारत काल के दौर से बना हुआ है। बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए न सिर्फ स्थानीय श्रद्धालु बल्कि राज्य के दूसरे शहरों से भी श्रद्धालु आते हैं। अगर आप भी महाशिवरात्रि पर शिव के दर्शन करना चाहते हैं तो बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर जाने का प्लान बना सकते हैं।

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गायघाट गौरीशंकर मंदिर

अगर आप इस महाशिवरात्रि पर व्रत रखने का प्लान बना रहे हैं और भगवान शिव के दर्शन करना चाहते हैं तो आप पटना के गायघाट में गौरीशंकर मंदिर सबसे प्रसिद्ध और पवित्र मंदिर माना जाता है। कहते हैं कि इस मंदिर का इतिहास 400 साल पुराना है। महाशिवरात्रि के अलावा यहां हर दिन हजारों शिव भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। लोगों का कहना है कि यहां आकर उनकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है। गौरीशंकर मंदिर की मान्यता है कि इस मंदिर परिसर में जो भी शादी करता है, वे जीवन भर साथ रहते हैं। यहां स्थापित शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ है, यहां नंदी महाराज के कान में अपनी इच्छा व्यक्त करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

बैकुंठ नाथ धाम मंदिर

पटना के बैकटपुर गांव में स्थित बैकुंठ नाथ धाम मंदिर एक प्राचीन और प्रसिद्ध शिव मंदिर है। इस मंदिर को ऐतिहासिक और पौराणिक शिव मंदिर माना जाता है। बैकुंठ नाथ धाम मंदिर के बारे में पौराणिक मान्यता है कि सावन के महीने में यहां न सिर्फ भगवान शिव बल्कि माता पार्वती भी विराजमान होती हैं, इसीलिए सावन के महीने में हर दिन हजारों शिव भक्त यहां दर्शन करने के लिए आते हैं।

तिलेश्वर नाथ मंदिर

पटना के प्राचीन मंदिरों में से एक तिलेश्वर नाथ मंदिर का इतिहास भी 4500 साल पुराना माना जाता है। इस मंदिर में शिवलिंग के पूरे शरीर पर तिल हैं। कहते हैं कि यह तिल अपने आप उभरे हैं, जिसके कारण इस मंदिर का नाम तिलेश्वर नाथ मंदिर पड़ा है। यह शिवलिंग आकार में बहुत छोटा था। हर शिवरात्रि पर एक तिल अपने आप बढ़ जाता है, जिसकी वजह से हर साल शिवलिंग का भी आकार बढ़ता जा रहा है। इसके साथ ही शिवलिंग के सिर पर अपने आप एक चांद भी बन रहा है। अगर आप भी चाहते हैं कि इस शिवरात्रि आपकी सभी मनोकामना पूरी हो तो इस मंदिर के दर्शन एक बार जरूर से करें।

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पीतल महादेव मंदिर

अगर आप पटना के झाऊगंज में रहते हैं तो इस महाशिवरात्रि पर पीतल महादेव मंदिर जरूर जाए। कहते हैं कि हर साल नाग पंचमी के दिन श्रृंगार के दौरान एक सांप कहीं से आकर इस मंदिर में प्रकट हो जाता है। इस मंदिर के दर्शन के लिए विदेशों से भी भक्त आते हैं। कई बार लोगों ने शिवलिंग को ले जाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। पीतल से बने होने के कारण इस मंदिर का नाम पितल महादेव मंदिर पड़ा।