India News (इंडिया न्यूज), Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर पूरे देश में शिव मंदिरों की रौनक देखने लायक है। बिहार के प्रसिद्ध गौरी शंकर बैकुंठधाम मंदिर में भी इस पावन पर्व पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। पटना से लगभग 30 किलोमीटर पूर्व, खुशरुपुर प्रखंड स्थित इस ऐतिहासिक मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया है। सुबह से ही यहां भगवान शिव के जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है।

गौरी शंकर बैकुंठधाम मंदिर की ऐतिहासिक मान्यता

वाल्मीकि रामायण के अनुसार, भगवान राम के जन्म से पूर्व राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए श्रृंगी ऋषि के मार्गदर्शन में पुत्रेष्टि यज्ञ किया था। इसी क्रम में जब वे बिहार से अयोध्या जा रहे थे, तब बैकुंठ वन में शिव संकल्प कर भगवान भोलेनाथ की स्थापना की थी। यह स्थान बिहार के पांच प्रमुख शिव संकल्प स्थलों में से एक माना जाता है।

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भगवान राम और श्रीकृष्ण का बैकुंठनाथ धाम से जुड़ाव

यह मंदिर केवल शिवभक्तों के लिए ही नहीं बल्कि भगवान राम और श्रीकृष्ण की आस्था से भी जुड़ा हुआ है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम और श्रीकृष्ण दोनों ने इस मंदिर में पूजा-अर्चना की थी।
1. जरासंध की उत्पत्ति का संबंध भी बैकुंठधाम से जुड़ा है।
2. भगवान राम ने रावण वध के बाद ब्रह्महत्या के श्राप से मुक्ति पाने के लिए गंगा किनारे रात्रि विश्राम किया था। इस दौरान उन्होंने मंगलाचरण पूर्वक भगवान शिव की आराधना की थी। इसी स्थान का नाम बाद में राघवपुर पड़ा, जिसे आज वैशाली जिले का राघोपुर क्षेत्र कहा जाता है।

भक्तों का उमड़ा सैलाब

महाशिवरात्रि के मौके पर बैकुंठधाम मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति का केंद्र बन गया है। यहां दूर-दूर से भक्त जलाभिषेक और पूजा करने आ रहे हैं। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। इस ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व वाले मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालु भक्तिभाव से ओतप्रोत होकर भगवान शिव की आराधना कर रहे हैं।

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