India News (इंडिया न्यूज), Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अपमानजनक टिप्पणी के चलते विधान परिषद की सदस्यता गंवा चुके सुनील सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने विशेषाधिकार (धारा 142) का इस्तेमाल करते हुए उनकी सदस्यता बहाल करने का आदेश दिया है।

क्या था मामला?

सुनील सिंह पर आरोप था कि उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसको लेकर विधान परिषद की आचार समिति ने कार्रवाई करते हुए उनकी सदस्यता रद्द करने का फैसला लिया था। इस फैसले को चुनौती देते हुए सुनील सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

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सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि आचार समिति द्वारा सदस्यता खत्म करने का फैसला उचित नहीं था। धारा 142 के तहत अपने विशेषाधिकार का उपयोग करते हुए कोर्ट ने सुनील सिंह की सदस्यता बहाल करने का आदेश जारी किया। साथ ही, आचार समिति द्वारा जारी नोटिफिकेशन को भी रद्द कर दिया गया है। यानी अब सुनील सिंह एक बार फिर बिहार विधान परिषद के सदस्य रहेंगे।

क्या है धारा 142?

भारतीय संविधान की धारा 142 सुप्रीम कोर्ट को यह अधिकार देती है कि वह न्याय के हित में विशेष आदेश जारी कर सकता है, भले ही उसके लिए कोई विशेष कानून न हो। इसी अधिकार का उपयोग करते हुए सुनील सिंह की सदस्यता को बहाल किया गया। इस फैसले के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है। सुनील सिंह के समर्थन में कई नेता आ गए हैं, वहीं विपक्ष इसे सरकार की मनमानी के खिलाफ एक बड़ी जीत बता रहा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सुनील सिंह को बड़ी राहत मिली है, लेकिन यह मामला बिहार की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन गया है। आने वाले दिनों में इस फैसले का राजनीतिक असर देखने को मिल सकता है।

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