India News Bihar(इंडिया न्यूज),Pappu Yadav Threat : पप्पू यादव को पिछले कुछ दिनों से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। अब उनके साथ उनके बेटे को भी जान से मारने की धमकी दी गई, जिसके बाद वे भावुक हो गए। धमकी देने वाले ने उन्हें और उनके बेटे को जान से मारने की चेतावनी दी है, साथ ही लाइव लोकेशन भी भेजी है।
जिसके बाद पप्पू यादव ने इस गंभीर मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर इस तरह की प्रतिक्रियाओं से बचना चाहिए। अगर वो इस पर प्रतिक्रिया देने लगेंगे तो जातिगत उन्माद फैल जाएगा। उन्होंने कहा कि अब मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। इसलिए जो भी मुझे धमकी दे रहा है वो एक ग्राउंड और तारीख फाइनल कर ले और आकर बात करे।
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पप्पू यादव ने की जांच की मांग
इसके अलावा, इस मामले को लेकर उन्होंने डीजीपी बिहार को लिखित आवेदन दिया है, साथ ही कॉल रिकॉर्डिंग को लेकर व्हाट्सएप मैसेज भी दिए हैं। उनसे बात भी की है। इसके अलावा उन्होंने हाईकोर्ट पटना को भी पत्र लिखा है। पप्पू यादव का दावा है कि दिल्ली से पकड़े गए महेश पांडे का लॉरेंस बिश्नोई गैंग से संबंध है। उन्होंने कहा कि वे बार-बार मांग कर रहे हैं कि इस धमकी के पीछे कौन है। इसकी जांच क्यों नहीं हो रही है? कौन है जो पप्पू यादव को खत्म करना चाहता है?
पप्पू यादव ने कहा कि सिस्टम पप्पू यादव से डरता है। इसलिए वो उनकी हत्या करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं डरता नहीं हूं। लेकिन जांच की मांग जरूर करूंगा ताकि पता चल सके कि पर्दे के पीछे कौन है। उन्होंने कहा कि अब वो सुरक्षा की भीख नहीं मांगेंगे। आम लोग अब उनकी सुरक्षा करेंगे। पप्पू यादव के घर और दफ्तर में आने वाले लोगों के लिए नियमों में कई बदलाव किए गए हैं। बिल्डिंग में प्रवेश के लिए एक एंट्री गेट बनाया गया है, जिस पर स्कैनर लगाया गया है। अंदर जाने वाले लोगों को स्कैनर से होकर गुजरना होगा। ताकि अगर कोई हथियार लेकर पहुंचे तो उसे गेट पर ही रोका जा सके।
पप्पू यादव को मिली है Y कैटेगरी की सिक्योरिटी
बता दें, फिलहाल वर्तमान में पप्पू यादव को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। साथ ही पूर्णिया पुलिस ने अलग से सुरक्षा मुहैया कराई है। अर्जुन भवन के बाहर एक कमरे में कार्यकर्ता बैठते हैं, जो सबसे पहले उनसे मिलने वाले लोगों की समस्याएं पूछते हैं, जिसका समाधान वे पहले अपने स्तर पर करने की कोशिश करते हैं। कार्यकर्ता कुछ आवेदन लेकर सांसद से मिलते हैं, जरूरत पड़ने पर सुरक्षा नियमों को पूरा करने के बाद आवेदक को अंदर बुलाया जाता है। सांसद के इर्द-गिर्द सीआरपीएफ के जवान भी रहते हैं।