India News (इंडिया न्यूज), Pappu Yadav: पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ योजना पर अपनी चिंता जताई है। उनका कहना है कि यह कदम जल्दबाजी में लिया जा रहा है, जबकि देश में कई और महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। पप्पू यादव ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस समय सबसे अधिक जरूरी है कि चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए और लोकतंत्र को बचाने के लिए संविधान की सही समझ हो।
काले धन पर क्या बोले पप्पू यादव?
उन्होंने आरोप लगाया कि चुनावी खर्चों की बढ़ती राशि और पारदर्शिता की कमी लोकतंत्र के लिए खतरा बन रही है। पप्पू यादव के अनुसार, सांसद बनने के लिए 600-700 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं और विधायक बनने के लिए भी 30-40 करोड़ रुपये लग रहे हैं। यह पैसा कहीं न कहीं काले धन के रूप में इस्तेमाल हो रहा है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर कर रहा है।
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‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर पप्पू यादव ने कहा कि इस योजना का कोई भविष्य नहीं है। उनका मानना है कि यदि बीच में सरकार गिरती है या राष्ट्रपति शासन लागू होता है, तो क्या हमें अगले चुनाव तक इंतजार करना पड़ेगा? उन्होंने सवाल उठाया कि इस योजना का अगर कार्यान्वयन हुआ, तो चुनाव प्रक्रिया को कैसे प्रभावित किया जाएगा और क्या यह लोकतंत्र के लिए सही रहेगा?
पप्पू यादव ने दिया सुझाव
अंत में, पप्पू यादव ने यह भी सुझाव दिया कि चुनावों में खर्च की जिम्मेदारी सरकार या चुनाव आयोग की होनी चाहिए, ताकि उम्मीदवारों पर आर्थिक दबाव न पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि हमें लोकतंत्र की रक्षा के लिए संविधान को समझना और उसे लागू करना सबसे जरूरी है।