India News (इंडिया न्यूज), BPSC Re-Exam: पटना में 70वीं BPSC PT परीक्षा के खिलाफ छात्र एक बार फिर से सड़कों पर उतर आए हैं। सड़कों पर उतरे छात्र लगातार परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं। छात्रों के इस प्रदर्शन में मशहूर शिक्षक खान सर भी नजर आ रहे हैं। खान सर अपने कोचिंग संस्थान से गर्दनीबाग धरना स्थल के लिए पैदल ही निकले। इस दौरान उन्होंने मीडिया से भी बात की, जिसमें उन्होंने चुनाव और सरकार को लेकर बड़ी बातें कहीं।
चुनाव में नराजगी का नहीं करना होगा सामना
खान सर ने अपने बयान में कहा कि सरकार से हमारा बस इतना ही कहना है कि आप अपने अधिकारियों के सुझावों से प्रभावित न हों। अगर ये लोग दोबारा परीक्षा कराते हैं तो यह सरकार के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित होगा। चुनाव में हमें नाराजगी का सामना नहीं करना पड़ेगा। दोबारा परीक्षा की मांग कतई गलत नहीं है। इसमें धांधली हुई है। उन्होंने बीपीएससी के मुद्दे को इतना उठाने के लिए मीडियाकर्मियों को धन्यवाद दिया।
छात्रों के आंदोलन को मिला खान सर का साथ
खबरों की माने तो सोमवार यानी आज बड़ी संख्या में छात्रों की बड़ी भीड़ मुसल्लहपुरहाट से गर्दनीबाग धरना स्थल के लिए रवाना हुई। अभ्यर्थियों के इस हुजूम के साथ शिक्षक खान सर भी मौजूद हैं। खान सर अब खुलकर छात्रों के आंदोलन में कूद पड़े हैं और परीक्षा में धांधली के सबूत उनके पास होने का दावा किया है।
जानें, का है पूरा मामला
आपको बता दें, पिछले कुछ महीनों से BPSC परीक्षा में धांधली के आरोपों को लेकर छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन में शामिल होने वाले छात्रों का कहना है कि 13 दिसंबर को बापू परीक्षा केंद्र पर आयोजित परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली और अनियमितता हुई है। उन्होंने इस मामले की जांच और परीक्षा रद्द करने की मांग की है। हालांकि, अभी तक सरकार या आयोग की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया है।
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छात्रों पर किया गया लाठीचार्ज
आंदोलन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज करवाया गया। हुआ, केस दर्ज हुए और कई छात्रों को जेल भी जाना पड़ा, लेकिन आंदोलन आज भी जारी है। खान सर ने 13 फरवरी को दावा किया था कि उन्हें बीपीएससी परीक्षा में धांधली के ठोस सबूत मिले हैं। नवादा और गया के ट्रेजरी से परीक्षा के पेपर गायब थे, जिन्हें बाद में बापू परीक्षा केंद्र पर भेज दिया गया। यह पेपर कबाड़ में बिकने वाले थे, लेकिन 4 जनवरी को इन्हीं पेपरों का इस्तेमाल परीक्षा में किया गया, जिसके कारण परीक्षा परिणाम में भी हेरफेर देखने को मिला।