India News (इंडिया न्यूज), Patna High Court: पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार की शिक्षकों की ट्रांसफर और पोस्टिंग नीति के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए शिक्षकों के तबादले और पोस्टिंग पर अस्थायी रोक लगा दी है। बता दें, कोर्ट का यह फैसला शिक्षकों के लिए बड़ा झटका साबित हुआ है, क्योंकि सरकार की ओर से बनाई गई ट्रांसफर नीति को लेकर पहले से ही काफी विवाद चल रहा था।

‘कांवड़ वाले शराब और…’ ओवैसी नेता शौकत अली के विवादित बयान से मची हलचल

जानें डिटेल में

हाईकोर्ट ने सरकार को स्थिति स्पष्ट करने के लिए तीन हफ्तों का समय दिया गया था। ऐसे में, अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि जो नियम बनाए गए हैं, उनका पालन सही तरीके से नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा, याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि शिक्षकों की ट्रांसफर प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं हो रही है और सरकार की नीति शिक्षकों के हितों के खिलाफ है। साथ ही, इससे पहले सरकार ने 22 नवंबर तक आवेदन करने की समयसीमा तय की थी। इसके अलावा, यह भी कहा गया था कि जो शिक्षक निर्धारित समय सीमा के अंदर आवेदन नहीं करेंगे, उनका तबादला बिना सूचना के कर दिया जाएगा। सरकार के इस फैसले को लेकर शिक्षकों में असंतोष था, जिसे लेकर मामला अदालत तक पहुंचा।

कोर्ट ने जारी किये निर्देश

हाईकोर्ट ने सरकार को सख्त निर्देश दिए हैं कि तीन हफ्तों के भीतर शिक्षकों की ट्रांसफर नीति से संबंधित सभी मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट की जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि नीति का पालन करते समय शिक्षकों के अधिकारों का उल्लंघन न हो। दूसरी तरफ, इस फैसले के बाद शिक्षकों में राहत और उम्मीद की भावना जागी है, जबकि सरकार के लिए यह चुनौतीपूर्ण स्थिति है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार अदालत को अपनी नीति पर कैसे संतुष्ट करती है।

इंदिरा गांधी की जयंती पर अशोक गहलोत का बयान, बोले-”उन्होंने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में…”