India News (इंडिया न्यूज), Bihar News: बिहार के शराबबंदी कानून को ठेंगा दिखाते हुए पश्चिमी चंपारण के लौरिया थाना क्षेत्र में जहरीली शराब ने कहर बरपाया है। बीते चार दिनों में संदिग्ध जहरीली शराब पीने से 7 लोगों की मौत की खबर ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। हालांकि प्रशासन अब तक मौतों के कारण की पुष्टि करने से बच रहा है।
मौतों की गुत्थी उलझी
स्थानीय लोगों के अनुसार, पहली मौत 15 जनवरी को हुई थी, लेकिन पुलिस को इस मामले की जानकारी 21 जनवरी को मिली। चौंकाने वाली बात यह है कि शवों का पहले ही अंतिम संस्कार हो चुका है, जिससे जहरीली शराब पीने की पुष्टि करना मुश्किल हो गया है। पश्चिमी चंपारण के एसपी शौर्य सुमन ने बताया कि 7 मौतों में से 2 मामलों का शराब से कोई संबंध नहीं है। एक व्यक्ति की मौत ट्रैक्टर हादसे में हुई, जबकि दूसरे को लकवा मार गया। लेकिन बाकी 5 मौतों के पीछे जहरीली शराब का संदेह गहराता जा रहा है।
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जांच के लिए बनी स्पेशल टीम
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने विशेष जांच टीम का गठन किया है। उप विकास आयुक्त सुमित कुमार ने निर्देश दिया है कि टीम 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट पेश करे। यह जांच करेगी कि लौरिया क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों में किन परिस्थितियों में मौतें हुईं।
शराबबंदी पर उठे सवाल
मृतकों के परिजनों का आरोप है कि सभी ने जहरीली शराब का सेवन किया था। एक मृतक के भाई ने कहा, “मेरे भाई प्रदीप और उसके दोस्त मनीष ने शराब पी थी। दोनों की मौत हो गई।” बतां दे की बिहार में 2016 से शराबबंदी लागू है, लेकिन अवैध शराब का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा। जहरीली शराब से हुई इन मौतों ने एक बार फिर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।