India News(इंडिया न्यूज़) Prashant Kishor: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने अपना आमरण अनशन तोड़ दिया है। पटना में गंगा पथ के पास आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने अपना 14 दिनों से चल रहा आमरण अनशन खत्म कर दिया। आमरण अनशन तोड़ने से पहले प्रशांत किशोर ने पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाई। गंगा स्नान के बाद उन्होंने जन सुराज शिविर में हवन किया और अपना आमरण अनशन खत्म किया। अब वे सत्याग्रह के अगले चरण की घोषणा करेंगे।
दरअसल, प्रशांत किशोर की टीम ने जानकारी दी थी कि बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने प्रशांत किशोर का अनशन खत्म कराने की पहल की है। प्रशांत किशोर से छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल भेजने को कहा गया था। हम मिलकर समाधान निकालने का हर संभव प्रयास करेंगे।
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प्रशांत किशोर क्यों कर रहे हैं अनशन?
बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में अनियमितता और धांधली का आरोप लगाते हुए बीपीएससी अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं। इसी आंदोलन के आधार पर प्रशांत किशोर ने अनशन शुरू किया था। शिक्षा-परीक्षा और रोजी-रोटी के मुद्दे पर वे 2 जनवरी को अनशन पर बैठे थे। उन्होंने पिछले साल ही बिहार में जन सुराज पार्टी की स्थापना की है। वे बिहार विधानसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी के लिए जनाधार बनाना चाहते हैं। इसी वजह से वे इस मुद्दे पर छात्रों का समर्थन कर उन्हें साधने के साथ ही अपना वोट बैंक भी तैयार कर रहे हैं।
30 दिसंबर को पटना में छात्र संसद का आयोजन किया गया था। पुलिस की अनुमति नहीं होने के बावजूद पुलिस ने प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज किया था। इसके बाद प्रशांत किशोर अनशन पर बैठ गए थे। पहले उन्हें गिरफ्तार किया गया, लेकिन बाद में निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
बीपीएससी ने भेजा नोटिस
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने प्रशांत किशोर समेत कई लोगों को कानूनी नोटिस जारी किया था। ये नोटिस उन लोगों को भेजे गए हैं, जिन्होंने 13 दिसंबर को राज्य भर में आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई) को लेकर हुए विवाद को लेकर आयोग के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए थे। बीएसपीसी के परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने कहा, “आयोग ने राजनेताओं, कोचिंग सेंटरों से जुड़े कुछ लोगों सहित कई व्यक्तियों को नोटिस भेजा है, जिन्होंने बीपीएससी के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। जल्द ही कुछ और नोटिस भेजे जाएंगे।”