India News (इंडिया न्यूज), Prashant Kishor: जनता दल (यू) के पूर्व नेता और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उनके खिलाफ बाढ़ में विरोध प्रदर्शन के मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें जमानत लेने का अवसर दिया था, लेकिन प्रशांत किशोर ने बेल लेने से साफ मना कर दिया।
अदालत के शर्तों को मानने से किया मना
उन्होंने अदालत के द्वारा लगाए गए शर्तों को भी अस्वीकार कर दिया, जिसमें यह कहा गया था कि वह किसी भी हालत में प्रतिबंधित क्षेत्र में धरना प्रदर्शन नहीं करेंगे और इसके लिए बांड भरेंगे। प्रशांत किशोर ने अदालत के फैसले के बाद कहा कि वह अपनी आस्थाओं और सत्य के लिए संघर्ष करते रहेंगे, चाहे उन्हें जेल में रहना पड़े। जेल में रहते हुए उन्होंने अनशन करने का भी निर्णय लिया है, जो उनकी प्रतिबद्धता और न्याय के प्रति उनकी भावना को दर्शाता है।
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कोर्ट ने उनके रुख को देखते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। अब प्रशांत किशोर को 14 दिन तक जेल में रहना पड़ेगा, जहां वह अपनी स्थिति को लेकर अनशन जारी रखेंगे। उनके समर्थकों का कहना है कि यह आंदोलन लोकतंत्र और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए है।
दबाव में आकर नहीं करेंगे समझौता
प्रशांत किशोर का यह कदम राजनीति और समाज में चर्चा का विषय बन गया है। उनके फैसले ने विरोधी दलों और समर्थकों के बीच अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न की हैं। प्रशांत किशोर ने यह स्पष्ट किया है कि वह किसी भी दबाव में आकर अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करेंगे।