India News (इंडिया न्यूज), Prashant Kishor: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पिछले चार दिनों से पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे हैं। उनका कहना है कि यह आंदोलन किसी नेता या पार्टी से नहीं जुड़ा है, बल्कि यह बिहार के छात्रों और युवाओं का आंदोलन है जो न्याय और पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं।
BPSC समर्थन पर बोले प्रशांत किशोर
यह आंदोलन बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षाओं में हुई कथित अनियमितताओं के खिलाफ शुरू हुआ था, लेकिन अब यह एक बड़ा सामाजिक संघर्ष बन चुका है। छात्र और युवा इस आंदोलन में शामिल हो गए हैं और यह न्याय, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक खामियों के खिलाफ एकजुटता का प्रतीक बन चुका है।
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प्रशांत किशोर ने इस आंदोलन को नेतृत्व देने का दावा करते हुए कहा कि वह इसे एक युवा बिहारी के रूप में समर्थन दे रहे हैं, न कि किसी राजनीतिक नेता के रूप में। उन्होंने बताया कि इस आंदोलन को अधिक संगठित और उद्देश्यपूर्ण बनाने के लिए ‘युवा सत्याग्रह समिति’ का गठन किया गया है, जिसमें 51 सदस्य हैं। प्रशांत किशोर ने यह भी स्पष्ट किया कि यह आंदोलन किसी राजनीतिक दल का हिस्सा नहीं है, और उन्होंने प्रशासन से अपील की कि वह छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से लें।
किन मांगों पर हो रही बहस
1. BPSC परीक्षा की अनियमितताओं की स्वतंत्र जांच।
2. डोमिसाइल नीति का सही तरीके से लागू होना।
3. दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई।
4. अगर छात्रों की इच्छा हो, तो परीक्षा का पुनः आयोजन।
प्रशांत किशोर ने सभी राजनीतिक दलों से इस आंदोलन का समर्थन करने का आह्वान किया और कहा कि यह लड़ाई अहिंसा और लोकतंत्र के सिद्धांतों पर आधारित है।