India News (इंडिया न्यूज), Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पटना के एस.के. मेमोरियल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में दलितों और पिछड़ों के हक की जोरदार वकालत की। उन्होंने केंद्र सरकार और आरएसएस पर हमला करते हुए कहा कि जातीय जनगणना जरूरी है, ताकि समाज के हर वर्ग को उनकी वास्तविक भागीदारी मिल सके।

जातीय जनगणना से बदलेगी तस्वीर

राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि आज देश की ज्यादातर संस्थाओं में दलितों और पिछड़ों की भागीदारी नाममात्र की है। उन्होंने मीडिया, न्यायपालिका, कॉरपोरेट सेक्टर और नौकरशाही का उदाहरण देते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में दलितों और पिछड़ों का प्रतिनिधित्व लगभग न के बराबर है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार सिर्फ पूंजीपतियों के लिए काम कर रही है। 16 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर दिए गए, लेकिन गरीबों को कोई राहत नहीं मिली।

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राहुल गांधी ने कहा कि सरकार में चाहे कोई भी मंत्री बनाया जाए, लेकिन फैसले आरएसएस से जुड़े लोग लेते हैं। उन्होंने मीडिया में दलित एंकरों की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया और कहा कि अगर सूची निकाली जाए तो इन संस्थानों में दलितों की मौजूदगी दिख ही नहीं पाएगी।

दलितों को शिक्षा और रोजगार में बराबरी का हक मिले

राहुल गांधी ने कहा कि अमेरिका में भी कभी अफ्रीकी-अमेरिकियों के साथ भेदभाव होता था, लेकिन वहां समान अवसर देकर उन्हें मुख्यधारा में जोड़ा गया। भारत में भी ऐसा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना से सच्चाई सामने आएगी और पता चलेगा कि किस वर्ग को कितनी भागीदारी मिली हुई है।

राहुल गांधी ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि ये लोग अंबेडकर की मूर्तियों के आगे हाथ तो जोड़ते हैं, लेकिन उनकी नीतियों को खत्म करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा में आरक्षण और छात्रवृत्तियों को धीरे-धीरे समाप्त किया जा रहा है। उन्होंने रोहित वेमुला का जिक्र करते हुए कहा कि दलितों को आगे बढ़ने से रोका जा रहा है, जो बिल्कुल गलत है।

दलितों के अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रहेगी

अपने भाषण के अंत में राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा दलितों, पिछड़ों और गरीबों के अधिकारों की लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने जनता से जातीय जनगणना के समर्थन में खड़े होने की अपील की और कहा कि इससे समाज में आर्थिक और सामाजिक न्याय स्थापित हो सकेगा।

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