India News (इंडिया न्यूज), Tejaswi Yadav: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भागवत ने दलितों और पिछड़ों के आरक्षण को समाप्त करने की बात कही थी, साथ ही यह भी दावा किया था कि देश को असल स्वतंत्रता 2024 में मिली है। तेजस्वी यादव ने इन दोनों बयानों को देश के स्वतंत्रता संग्राम का अपमान करार दिया है।

मोहन भागवत पर साधा निशाना

तेजस्वी यादव ने कहा कि मोहन भागवत का बयान स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए लाखों स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है, जिनका योगदान देश की आज़ादी में अनमोल था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आरएसएस ने कभी स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा नहीं लिया और यह संगठन अंग्रेजों का दलाल और मुखबिर था।

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तेजस्वी ने मोहन भागवत से कई सवाल पूछे, जो सीधे तौर पर आरएसएस की नीतियों और उनके कथनों पर गंभीर सवाल उठाते हैं:

1. दलितों और पिछड़ों को असल आज़ादी कब मिलेगी?
2. आरएसएस जैसे 100 साल पुराने संगठन में आज तक कोई दलित या पिछड़ा प्रमुख क्यों नहीं बना?
3. महिला प्रमुख आरएसएस में क्यों नहीं बनी?
4. जातिगत जनगणना कब होगी?
5. दलितों और पिछड़ों का आरक्षण उनकी आबादी के अनुपात में कब बढ़ेगा?

मोहन भागवत से मांगे जवाब

तेजस्वी यादव ने कहा कि मोहन भागवत को इन सवालों का जवाब देना चाहिए, क्योंकि यह देश के बहुसंख्यक वर्ग से जुड़ा मामला है। उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस को अपनी सोच और नीतियों पर दोबारा विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि देश आज़ादी के 75 साल बाद भी समाज के कमजोर वर्गों को समान अवसर नहीं दे पा रहा है।

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