India News (इंडिया न्यूज), Cyber Crime: इंटरनेट की दुनिया में साइबर ठगी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। हाल ही में जमुई के एक रिटायर्ड एमबीबीएस डॉक्टर को साइबर अपराधियों ने अपना शिकार बना लिया। मुंबई पुलिस बनकर इन ठगों ने डॉक्टर से 15 लाख रुपये की ठगी कर डाली। इस घटना ने पुलिस और प्रशासन के सामने साइबर अपराधियों के नए तरीके की चिंता बढ़ा दी है।
कैसे बने डॉक्टर साहब शिकार
बीते 4 जनवरी को एमबीबीएस डॉक्टर कैलाश प्रसाद शर्मा के मोबाइल पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताते हुए उन्हें घेर लिया। ठग ने कहा कि उनका आधार कार्ड से जुड़ा सिम एक लड़की को अश्लील फोटो भेजने में इस्तेमाल हो रहा है और वे मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं। इसके बाद, डॉक्टर को गिरफ्तारी से बचाने का झांसा देते हुए, ठग ने उनका एटीएम कार्ड और आधार कार्ड व्हाट्सएप पर मंगवाए और एक अकाउंट में 15 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए।
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दो अलग खातों में जमा किये पैसे
डॉक्टर ने बैंक के RTGS के माध्यम से 11 लाख रुपये एक खाते में भेजे, जबकि चार लाख रुपये दूसरे खाते में जमा किए। ठगों ने बाद में धमकी दी कि अगर शेष पैसे नहीं भेजे गए तो ED और CBI रेड डालेंगे। डर और दबाव में आकर डॉक्टर ने साइबर सेल से संपर्क किया और मामला दर्ज करवाया।
SP ने जनता से की अपील
एसपी मदन कुमार आनंद ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई और लोगों से अपील की कि वे साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्क रहें। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई साइबर अपराध का शिकार होता है, तो उसे बिना देरी किए साइबर सेल को सूचित करना चाहिए। इस मामले की जांच साइबर सेल द्वारा की जा रही है।इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि साइबर अपराधी किसी भी किसी को भी आसानी से धोखा दे सकते हैं, चाहे वह शिक्षित हो या अशिक्षित।