India News (इंडिया न्यूज),Bihar: बिहार के शिवहर जिले में लाखों रुपये के गबन का मामला सामने आया है। ये रुपये क्षेत्र के विकास में खर्च किये जाने थे। प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी और अन्य कर्मचारियों ने मिलीभगत कर बिना कोई काम किये 50 लाख रुपये की निकासी कर ली। जैसे ही इसकी भनक जिलाधिकारी पंकज कुमार को लगी। उन्होंने इस मामले की जांच बैठा दी। जिलाधिकारी पंकज कुमार ने डीसी अतुल कुमार वर्मा के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की है। लाखों रुपये के इस गबन में कई खुलासे हुए हैं।

क्षेत्र में नाली निर्माण या जल निकासी का कार्य कराये बिना ही लाखों रुपये की निकासी कर ली गयी। डीडीसी अतुल कुमार वर्मा ने बताया कि लगभग 11 योजनाओं को पूरा किये बिना ही राशि की निकासी कर ली गयी है। डीएम के आदेश पर बीडीओ ने नगर थाने में प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी समेत अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है।

इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

नगर थाना अध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि पुलिस में मामला दर्ज कर लिया गया है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। शिवहर बीडीओ मोहम्मद राहिल ने मधुबनी जिले के खजौली थाने के कुसमा मरार गांव के प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी दिनेश कुमार, अमित कुमार और विवेक कुमार के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया है।

इस तरह निकाले 50 लाख रुपये

पुलिस में दर्ज करायी गयी रिपोर्ट में बताया गया कि पंचायती राज विभाग के निर्देश के तहत बीपीआरओ को कार्यपालक पदाधिकारी का प्रभार बीडीओ को सौंपना था, लेकिन बीपीआरओ ने विभागीय नियमों की अनदेखी करते हुए प्रकाशन के बाद गजट में विभिन्न योजनाओं को सौंपने का चार्ज बैकडेट में था। योजना की स्वीकृति व पूर्णता दिखा कर 50 लाख 45 हजार 878 रुपये का भुगतान कर दिया गया। इतना ही नहीं एक ही कर्मचारी को 11 योजनाओं का इंजीनियर बना दिया गया और अधूरे काम का पूरा भुगतान भी कर दिया गया।

जिलाधिकारी को सौंपी गई जांच रिपोर्ट

जिलाधिकारी के निर्देश पर डीडीसी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी एवं जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण के सहायक निदेशक की तीन सदस्यीय टीम ने योजनाओं की जांच की थी। इसमें बड़े पैमाने पर घोटाला उजागर हुआ। अधिकारियों ने अपनी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी।

बताया गया कि महुअरिया गांव में अंबेडकर चौक से ललन राउत के घर तक साढ़े सात लाख की लागत से नाली का निर्माण कराया जाना था। आज तक नाली का निर्माण नहीं कराया गया। जियो टैगिंग के तीनों चरण करते हुए पूरी राशि का भुगतान जनसेवक सह पंचायत सचिव सह अभियंता अमित कुमार को कर दिया गया है।

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