India News (इंडिया न्यूज), Bihar Engineering Colleges: बिहार सरकार के विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग (डीएसटीटीई) ने राज्य के 15 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में विदेशी भाषाएं सिखाने की नई पहल शुरू की है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत फ्रेंच और जर्मन भाषाओं की शिक्षा दी जाएगी। यह योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना ‘सात निश्चय – 1’ के ‘आर्थिक हल, युवाओं के बल’ के तहत शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है।
मुख्य सचिव ने किया उद्घाटन
इस कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार सरकार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। उद्घाटन कार्यक्रम में डीएसटीटीई की सचिव डॉ. प्रतिमा, अपर सचिव-सह-निदेशक अहमद महमूद और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस दौरान डॉ. प्रतिमा ने इस परियोजना के उद्देश्य, क्रियान्वयन और भविष्य की योजनाओं पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।
मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “यह कदम मुख्यमंत्री की ‘सात निश्चय – 1’ योजना के तहत युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय अवसरों के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।” उन्होंने सुझाव दिया कि भविष्य में जापानी भाषा का प्रशिक्षण भी शुरू किया जाए और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी कर “स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम” जैसे कार्यक्रम शुरू किए जाएं।
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विद्यार्थियों को मिलेगा वैश्विक मंच
मुख्य सचिव ने कहा कि विदेशी भाषाओं का ज्ञान इंजीनियरिंग छात्रों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अवसरों के दरवाजे खोलेगा। फ्रेंच और जर्मन जैसी भाषाएं सीखने से छात्रों के लिए वैश्विक स्तर पर रोजगार और संवाद के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की टीम को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयासों के लिए बधाई दी।
ऑनलाइन उद्घाटन और छात्र प्रदर्शन
इस उद्घाटन कार्यक्रम में राज्य के सभी 38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्राचार्य, शिक्षक और छात्र-छात्राएं अपने-अपने आधुनिक भाषा प्रयोगशालाओं से जुड़े। कई छात्रों ने फ्रेंच और जर्मन भाषा में संवाद कर अपनी प्रतिभा और इस पहल की सफलता का प्रदर्शन किया।
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पायलट प्रोजेक्ट के बाद व्यापक क्रियान्वयन
यह पायलट प्रोजेक्ट फिलहाल 15 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में शुरू किया गया है। इसकी सफलता के बाद इसे राज्य के सभी 38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में लागू किया जाएगा। डीएसटीटीई की सचिव डॉ. प्रतिमा ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को न केवल भाषा का ज्ञान देना है, बल्कि उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए तैयार करना भी है।
आगे की योजना
बिहार सरकार के इस कदम को सभी भागीदारों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। विभाग भविष्य में भी छात्रों के समग्र विकास के लिए ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा। अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियों और नवीन पहल के माध्यम से राज्य के छात्र वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाएंगे
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