India News (इंडिया न्यूज), Candle March in Motihari: बिहार में शिक्षकों की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। इसी के चलते माध्यमिक शिक्षकों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जानकारी के मुताबिक प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर आज मोतिहारी में शिक्षकों ने कैंडल मार्च निकालकर अपना विरोध दर्ज कराया।

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जानें पूरा मामला

शहर के चरखा पार्क के समीप शिक्षकों ने मशाल जलाकर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ऐसे में, इस आंदोलन में बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल हुए। प्रदर्शन के दौरान संगठन के जिलाध्यक्ष नवल किशोर सिंह और जिला सचिव बुनी लाल ठाकुर ने सरकार की नई नीति पर गंभीर सवाल उठाए। साथ ही, शिक्षक नेताओं ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा 20 नवंबर 2024 को सक्षमता उत्तीर्ण शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया विशिष्ट शिक्षक नियमावली से हटकर और गैर-कानूनी है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस नई प्रक्रिया से पूर्व से कार्यरत शिक्षकों के अनुभव और उनके अधिकारों को नजरअंदाज किया जा रहा है।

शिक्षकों के हित के लिए उठे आवाज

नेताओं ने यह भी कहा कि इस नियमावली के कारण शिक्षकों को अनुभव के आधार पर मिलने वाले लाभों से वंचित होना पड़ेगा, जो पूरी तरह से भेदभावपूर्ण है। उन्होंने मांग की, कि सरकार इस नियमावली को वापस ले और शिक्षकों के हित में उचित कदम उठाए। इसके अलावा, शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो वे इस आंदोलन को और तेज करेंगे। इस प्रदर्शन ने न केवल शिक्षकों की नाराजगी को उजागर किया है, बल्कि सरकार की नीतियों पर सवाल भी खड़े किए हैं। शिक्षकों का यह आंदोलन अब पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया है।

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