India News (इंडिया न्यूज), Bihar Schools: बिहार सरकार ने राज्य के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर कड़ा कदम उठाया है। अपर मुख्य सचिव (एसीएस) ने जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे स्कूलों में यह जांच करें कि शिक्षक वास्तव में बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं या केवल समय पास कर रहे हैं। इसके लिए अब निरीक्षण के दौरान न केवल शैक्षिक गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाएगा, बल्कि अभिभावकों से भी फीडबैक लिया जाएगा।

ACS ने अपने ऑर्डर में कहा

एसीएस ने कहा कि स्कूलों में शिक्षा की स्थिति पर अभी तक पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया था, जबकि सरकार हर साल करोड़ों रुपये शिक्षा पर खर्च कर रही है। उन्होंने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया और निर्देश दिया कि टाइम पास करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उनका मुख्य उद्देश्य बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है, जिसके लिए लगातार निगरानी रखी जाएगी।

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स्कूलों के निरीक्षण से जहां प्रधानाध्यापक खुश हैं, वहीं शिक्षकों की कार्यप्रणाली में सुधार देखने को मिल रहा है। पहले शिक्षक समय पर स्कूल नहीं आते थे, लेकिन अब वे स्वयं समय से पहले पहुंचने लगे हैं। प्रधानाध्यापक इस व्यवस्था से संतुष्ट हैं, क्योंकि इससे स्कूल की कार्यप्रणाली में सुधार हुआ है।

सरकार कर रही है जांच

इसके अतिरिक्त, दिसंबर 1995 के बाद नियुक्त शिक्षकों के वेतनमान और कागजात की जांच भी की जा रही है, क्योंकि इन शिक्षकों ने मैट्रिक प्रशिक्षित वेतनमान की मांग की थी। सरकार द्वारा इस पर भी विचार किया जा रहा है। इस पूरी प्रक्रिया से शिक्षकों में बेचैनी बढ़ी है, लेकिन यह कदम बिहार के सरकारी स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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