India News Bihar (इंडिया न्यूज) Tejashwi Yadav: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने सोमवार (2 सितंबर) को जाति जनगणना पर अपनी सहमति जताई है। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है, इसे चुनावी फायदे से ऊपर उठकर किया जाना चाहिए। अगर सरकार किसी जाति और समुदाय की बेहतरी के लिए कोई संख्या जानना चाहती है, तो उसे लिया जाना चाहिए और चुनावों से ऊपर उठकर इस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। सुनील आंबेकर के इस बयान पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बयान दिया है, उन्होंने कहा कि जाति जनगणना से कौन इनकार कर सकता है, लेकिन लोगों को समझना चाहिए कि बीजेपी का छिपा हुआ एजेंडा क्या है?

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RSS के बयान पर तेजस्वी ने कहा?

तेजस्वी आगे कहा कि किसी से भी पूछ लीजिए, ये लालू यादव की पहल का ही नतीजा है कि आज जातिगत जनगणना से कोई इनकार नहीं कर सकता, लेकिन इन लोगों की कथनी और करनी में बहुत फर्क है, कहते कुछ हैं और करते कुछ और हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार अब आरएसएस के कहने पर पूरे देश में जातिगत जनगणना कराएगी, तो तेजस्वी ने साफ कहा कि इनका छिपा एजेंडा सिर्फ संविधान को बदलना है. ये लोग बाबा साहेब के बनाए संविधान को बदलना चाहते हैं। आरक्षण से इनका कोई लेना-देना नहीं है।

जाति जनगणना पर आरएसएस की प्रतिक्रिया

दरअसल,केरल के पलक्कड़ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय समन्वय सम्मेलन में जाति जनगणना के मुद्दे पर चर्चा हुई, जहां आरएसएस के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि आरएसएस का मानना ​​है कि जो समाज पिछड़ रहा है, उसे कल्याणकारी कार्यों के लिए विशेष उपस्थिति की जरूरत है, इसका इस्तेमाल सिर्फ उस समाज और जाति के लिए चुनावी राजनीति के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

आरएसएस के इस बयान के बाद लोगों के मन में सवाल उठने लगा है कि क्या अब केंद्र सरकार पूरे देश में जाति जनगणना करवाने पर गंभीरता से काम करेगी, लेकिन बिहार की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता तेजस्वी यादव का कहना है कि ऐसा नहीं होगा. उनका छिपा हुआ एजेंडा कुछ और है।

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