India News (इंडिया न्यूज), Prashant Kishor: पटना स्थित हज भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने साम्प्रदायिक राजनीति और नफरत की बढ़ती लहर के खिलाफ एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनका उद्देश्य महात्मा गांधी की विचारधारा को पुनर्जीवित करना है, खासकर उस दौर में जब नफरत और विभाजन की राजनीति चरम पर है।
गांधीजी की विचारधारा को जीवित करना है- प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कहा, “हमारे देश में आज गोडसे के दौर में जी रहे हैं, लेकिन मेरा प्रयास गांधी जी की विचारधारा को फिर से जीवित करना है।” उनके अनुसार, गांधी की विचारधारा न सिर्फ समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए समान अवसरों और न्याय की बात करती है, बल्कि यह सामाजिक समरसता, विकास, और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है।
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किशोर ने यह भी कहा कि गांधी जी की विचारधारा में मुस्लिम समाज का सर्वांगीण विकास संभव है। उन्होंने कहा, “अगर हमें अपने समाज को आगे बढ़ाना है, तो हमें गांधी जी के सिद्धांतों पर चलने की जरूरत है, जिनमें सामाजिक न्याय, समान अधिकार, और आर्थिक समृद्धि की बात की जाती है।”
मुस्लिम समाज को दिया ऐसा संदेश
उनकी यह बात, खासकर मुस्लिम समाज के बीच, बहुत ही सशक्त संदेश है कि देश में विकास और समरसता तभी संभव है जब हम साम्प्रदायिक राजनीति को नकारते हुए, गांधी जी के विचारों को आत्मसात करें। उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि उनका ‘बेदारी कारवां’ गांधी जी की विचारधारा पर आधारित एक ऐसा आंदोलन है, जो समाज के सभी वर्गों के बीच एकजुटता और समानता को बढ़ावा देगा। प्रशांत किशोर का यह बयान देश में साम्प्रदायिक सौहार्द और सामाजिक न्याय की दिशा में एक अहम पहल है।