India News (इंडिया न्यूज), Bihar Fake Teachers: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में 14 शिक्षकों पर फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी हासिल करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इनमें चार महिला शिक्षक भी शामिल हैं। यह कार्रवाई राज्य सतर्कता विभाग ने की है, जो कि 2006 से 2015 के बीच हुई शिक्षक भर्तियों से जुड़ी हुई है। इस मामले में जांच के दौरान सभी 14 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए।

पुलिस उपाधीक्षक राजेश कुमार ने बताया

सतर्कता विभाग के पुलिस उपाधीक्षक, राजेश कुमार ने बताया कि इस मामले में एक खंडपीठ ने बिहार सतर्कता विभाग के निदेशक को जांच के आदेश दिए थे। जांच में यह खुलासा हुआ कि इन शिक्षकों के द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रमाण पत्र झूठे और फर्जी थे। इसके बाद विभाग ने इन पर कार्रवाई करते हुए चिरैया थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है।

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इस मामले में चिरैया थाना क्षेत्र के दो शिक्षक, प्रभु प्रसाद और शीला कुमारी के नाम सामने आए हैं, जो फर्जी अंक पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे थे। प्रभु प्रसाद मदीलवा गांव के नव सृजित प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत थे, जबकि शीला कुमारी माधोपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय में पदस्थापित थीं। इस प्रखंड में पहले भी छह अन्य शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे, जिन्हें विभाग ने नौकरी से हटा दिया था।

अब तक कितने मामले आए सामने ?

बिहार में अब तक 10,519 ऐसे मामलों की जांच हो चुकी है, जिसमें 2,724 लोग दोषी पाए गए हैं। सतर्कता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के मामलों पर कड़ी नजर रखी जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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