India News (इंडिया न्यूज), Bihar Teacher News: खैरा प्रखंड के प्लस टू उच्च विद्यालय, शोभाखान की शिक्षिका अनीता कुमारी के लिए 2024 एक महत्वपूर्ण वर्ष था, जब उन्होंने सक्षमता वन परीक्षा उत्तीर्ण की और विशिष्ट शिक्षक बनने की उम्मीदें पालीं। लेकिन नियति ने उनके रास्ते में अड़चन डाल दी। 31 दिसंबर 2024 को 60 वर्ष की आयु पूरी होने के कारण उन्हें सेवानिवृत्त होना पड़ा, और इसके साथ ही उनका विशिष्ट शिक्षक बनने का सपना भी अधूरा रह गया।

कहां से शुरू किया शिक्षिका बनने का करियर

अनीता कुमारी ने दिसंबर 2006 में पंचायत शिक्षिका के रूप में अपना करियर शुरू किया था और 2014 में टीईटी पास करके हाई स्कूल की शिक्षिका बनीं। पिछले साल, 2024 में उन्होंने सक्षमता वन की परीक्षा पास की, और इसके बाद उन्हें विशिष्ट शिक्षक के रूप में नियुक्ति पत्र प्राप्त हुआ। 30 दिसंबर को उन्हें नियुक्ति पत्र मिला, जिसमें 1 से 7 जनवरी तक विद्यालय में योगदान देने की सूचना थी। लेकिन 31 दिसंबर तक उन्होंने सेवानिवृत्ति के कारण विद्यालय में योगदान नहीं दिया और उनका विशिष्ट शिक्षक बनने का अवसर समाप्त हो गया।

Kishanganj DEO: किशनगंज में ‘उर्दू पढ़ाने’ के आदेश पर सियासत गरमाई, बदले में BJP ने सामने रख दी अनोखी मांग

शिक्षा पदाधिकारी महेश कुमार ने बताया

अनीता कुमारी ने कहा, “साक्षमता वन परीक्षा में सफलता के बाद भी विशिष्ट शिक्षक बनने का कोई फायदा नहीं हुआ, क्योंकि सेवानिवृत्त होने के बाद मैं एक दिन भी इस पद पर कार्य नहीं कर पाई।” इस मामले में खैरा प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारी महेश कुमार ने बताया कि विभागीय नियमों के अनुसार 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर किसी भी शिक्षक को सेवानिवृत्त कर दिया जाता है, और अनीता कुमारी भी इस नियम के तहत सेवानिवृत्त हो गईं।

यह घटना उन शिक्षकों के लिए एक उदाहरण बन गई है, जो जीवनभर कड़ी मेहनत करते हुए कई अवसरों की प्रतीक्षा करते हैं, लेकिन कभी-कभी उनका प्रयास समय के साथ मिलकर ऐसा मोड़ लेता है कि वे अपनी मेहनत का पूरा फल नहीं प्राप्त कर पाते।

ऑनलाइन प्यार में पढ़कर सीमा लांघ पहुंच गया पाकिस्तान, तीसरी कोशिश में मिली सफलता, प्यार ऐसा की सचिन-सीमा की प्रेम कहानी पड़ जाएगी फिकी