India News (इंडिया न्यूज),Chirag Paswan News: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के लिए गुरुवार (28 नवंबर) का दिन बेहद खुशी का है, क्योंकि पार्टी का आज 25वां स्थापना दिवस है और 4 साल बाद पार्टी सुप्रीमो चिराग पासवान अपने पुराने कार्यालय में स्थापना दिवस मना रहे हैं। आपको बता दें कि चिराग पासवान काफी उत्साहित दिखे। पिछले 4 साल में उन्होंने बहुत कुछ हासिल किया। इस समय चिराग पासवान की पार्टी का बिहार में 1 ताकतवर पार्टी के रूप में विस्तार हो गया है।
जीत हासिल हुई
आपको बता दें कि लोकसभा में उनके सभी पांचो सांसद जीतकर आए। झारखंड में भी 1 सीट पर चुनाव लड़े और जीत हासिल हुई। अब उनका खोया हुआ कार्यालय भी वापस मिल गया, लेकिन 4 साल पहले चिराग पासवान का परिवार जो टूट गया था वह फिर जुटेगा है या नहीं। इस पर चिराग पासवान ने बड़ी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि ये तो संभव नहीं है। चिराग पासवान को सब कुछ मिल गया अब क्या चाहेंगे कि चाचा भी साथ हो। इस सवाल के जवाब में चिराग पासवान ने बताया कि यह ऐसा सवाल है जिसको मैं नहीं दे सकता।
तोड़ने का फैसला भी उनका था
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चिराग पासवान ने चाचा का नाम लिए बिना कहा कि घर के बड़े तो वे हैं, अलग होने का निर्णय भी उनका का था, मुझसे और मेरी मां से सारे रिश्ते तोड़ने का निर्णय भी उनका का था। साथ आना है नहीं आना है, इसका पहले निर्णय तो उन्हीं को लेना है और मेरे परिवार में बड़ों को लेना है। मेरी बुआ हैं। मेरे परिवार के तमाम पिछली पीढ़ी के सदस्य उनको यह निर्णय लेना है। चिराग पासवान ने बताया कि लेकिन जिस तरीके से वह रिश्तों में कड़वाहट ले आए, वे यहां तक का गए कि मेरे और उनके खून में फर्क है तो मैं नहीं मानता हूं, मुझे नहीं लगता है कि शायद कभी यह सब एक हो सकता है।
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