India News (इंडिया न्यूज), Muzaffarpur News: बिहार राज्य सूचना आयोग ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत समय पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के मामले में सख्त कार्रवाई की है। सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा प्रखंड के पूर्व और वर्तमान दोनों प्रखंड विकास पदाधिकारियों (BDO) पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

लालू यादव ने दी BJP को खुलेआम चुनौती, बता दिया क्यों नहीं बनेगी बिहार में सरकार?

मामले का विवरण

सोनबरसा प्रखंड के भुतही गांव के निवासी मनुवंश पंजियार ने प्रधानमंत्री आवास योजना की लाभुक सूची की मांग की थी। उन्हें प्राप्त सूची में केवल छह आवेदकों के नाम थे, जिसे उन्होंने गलत और भ्रामक बताया। इस पर उन्होंने सूचना आयोग से शिकायत की।

वर्तमान BDO ने बताया कि उन्होंने अगस्त 2022 में पदभार संभाला और सूचना आयोग का पत्र मिलते ही सूचना उपलब्ध करा दी। उन्होंने सूचना में विलंब का कारण बताते हुए कहा कि सूचना की मांग 29 सितंबर 2020 को की गई थी, जब कोरोना महामारी अपने चरम पर थी।

आयोग का निर्णय

आयोग ने वर्तमान BDO के तर्क को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने दो वर्षों तक सूचना प्रकोष्ठ में लंबित आवेदनों की समीक्षा नहीं की। आयोग ने स्पष्ट किया कि वर्तमान BDO का यह कहना कि पूर्व BDO दोषी हैं, उचित नहीं है। यदि पूर्व लोक सूचना पदाधिकारी ने समय पर सूचना नहीं दी, तो वर्तमान पदाधिकारी को सूचना प्रकोष्ठ की समीक्षा कर लंबित आवेदनों पर कार्रवाई करनी चाहिए थी।

आदेश

आयोग ने दोनों BDO पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया और संबंधित वार्ड पंचायत के अभिलेखों का अवलोकन आवेदक को कराने का निर्देश दिया। यह कार्रवाई सूचना के अधिकार के तहत समय पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के मामलों में आयोग की सख्त नीति को दर्शाती है।

कैसे होते है दिन के समय जन्म लेने वाले बच्चे? बड़े होकर ऐसा होता है इनका भविष्य!